RANCHI:फरवरी का महीना वेलेंटाइन डे को लेकर जहां युवाओं से लेकर बच्चों तक की जुबां पर चर्चा का विषय बना रहता है। वहीं, इस साल का आने वाला फरवरी महीना दूसरे मायने में भी स्पेशल बना हुआ है, जिसे खास बनाया है इस महीने के दिनों ने।

सैकड़ों साल बाद बनता है ऐसा संयोग

इस बार फरवरी महीने के हर वीक में एक कोइंसीडेंस और सिक्वेंस देखने को मौका मिलेगा। फरवरी में 4 रविवार, 4 सोमवार, 4 मंगलवार, 4 बुधवार, 4 गुरुवार, 4 शुक्रवार और 4 शनिवार होंगे। यानी हर दिन महीने भर में 4 बार आएंगे। दिनों का ऐसा सिक्वेंस पूरे 823 वर्ष में एक बार हो पाता है, जहां हर दिन की संख्या महीने भर बराबर होती है।

धन और समृद्धि के लिए लकी है इस बार का फरवरी

चाइनीज फैंग शुई के अनुसार ऐसे महीने को काफी लकी माना जाता है, जिसमें धन और समृद्धि को लेकर पॉजिटिवनेस बना होता है। मान्यता के अनुसार इस महीने में फैंग शुई के मनी बैग्स को खरीदने का भी प्रचलन है। वहीं, हिंदू मान्यता के अनुसार इसे अंको के बराबर मिलन का महीना माना जाता है। पंडित शिव कुमार ने बताया कि काफी वर्षो में एक बार ऐसा संयोग बनता है। खासकर बसंत पंचमी के बाद आने वाले ऐसे संयोग को कई नए कामों, शादी और आयोजन के लिए काफी शुभ माना जा रहा है।

फोरेंसिक लाइब्रेरी में 30 सहायक वैज्ञानिकों की नियुक्ति

रघुवर दास ने बुधवार को प्रोजेक्ट भवन स्थित अपने सभा कक्ष में फॉरेंसिक साइंस लेबोरेट्री के नवनियुक्त 26 वैज्ञानिक सहायकों को नियुक्ति पत्र दिया। कुल 30 वैज्ञानिक सहायकों की नियुक्ति की गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि आतंकवाद या उग्रवाद आज एक वैश्विक समस्या का रूप ले चुका है। इसे चुनौती के रूप में स्वीकार करना है। उन्होंने कहा कि फॉरेंसिक साइंस लेबोरेट्री न्याय प्रणाली का प्रमुख अंग है। वैज्ञानिक सहायक का कार्य अत्यंत महत्वपूर्ण है। इसके माध्यम से वास्तविक अपराधी को सजा दिलाने एवं निर्दोष को अपराध मुक्त करने में बड़ी सफलता मिलती है। उन्होंने कहा कि आज अपराध पारंपरिक स्वरूप को बदल कर साइबर क्राइम तक पहुंच गया है, अपराधी सिर्फ अपराधी होता है। उनकी न कोई जात होती है और न कोई धर्म। उन्हें दंडित करवाने में अपनी भागीदारी ईमानदारी पूर्वक निभाएं।

मौके पर अपर मुख्य सचिव एनएन पांडेय, पुलिस महानिदेशक राजीव कुमार, अपर पुलिस महानिदेशक सीआइडी एसएन प्रधान, निदेशक फॉरेंसिक साइंस लेबोरेट्री आरएस सिंह समेत कई वरीय पदाधिकारी उपस्थित थे।