GORAKHPUR : अरे यार मुझे एप्पल का मोबाइल लेना है। कल मेरे साथ लखनऊ चलना। जब सुनील यह कहता है तो कपिल पूछता है, लखनऊ क्यों? एप्पल का मोबाइल तो अपने गोरखपुर में भी मिल जाएगा। क्या बात कर रहे हो? आई डोंट बिलीव इट। गोरखपुर बहुत बदल गया है मेरे दोस्त। यहां अब हर ब्रांड की कार, मोबाइल, ज्वेलरी और लेटेस्ट फैशन के ड्रेस मौजूद हैं। अरे यह सब हुआ कैसे? सुनील जब पूछता है तो कपिल उसे एक टेबलॉयड दिखाता है। यह तो आई नेक्स्ट है। सुनील बोलता है। जी हां, शहर में आज जो भी बदलाव दिख रहा है, वह आई नेक्स्ट की ही देन है। जबसे आई नेक्स्ट आया है तभी से सिटी का लाइफस्टाइल बदल गया है। सुनील पूछता है, कैसे? कपिल बताता है कि लाइफस्टाइल से जुड़ी स्पेशल स्टोरीज के जरिए आई नेक्स्ट ने सिटी का ट्रेंड और टेस्ट दोनों को चेंज किया है। अच्छा तुझे मोबाइल लेना है न चल मार्केट चलते हैं।

बदल गई तस्वीर

दोनों अपनी बाइक से बलदेव प्लाजा पहुंचते हैं। वहां पर लेटेस्ट मोबाइल की शॉप्स देख कर सुनील दंग रह जाता है। कहता है, यार जब मैं यहां चार साल पहले आया था तो बस गिने चुने मोबाइल की कंपनियां थी। अब तो देख रहा हूं कि यहां हर कंपनी का मोबाइल मौजूद है। कपिल बड़े गर्व से कहता है। इसका श्रेय भी आई नेक्स्ट को जाता है। चार साल पहले जब आई नेक्स्ट आया था तो उसने गोरखपुराइट्स को लाइफ में गैंजेट की इंपॉर्र्टेस बताई। उसी का असर है कि सिटी का हर यूथ गैजेट्स से लैस है। चार साल पहले तक ब्रांडेड मोबाइल और लैपटॉप के लिए लखनऊ या मेट्रो सिटी जाना पड़ता था। लेकिन अब सिटी की सैकड़ों शॉप पर एप्पल और कई विदेशी कंपनी के ब्रांडेड फोन हैं। कई ने तो सर्विस सेंटर भी खोले हैं।

छाया गया आई नेक्स्ट का जादू

अच्छा यार इतनी गर्मी है, चल आइसक्रीम खाते हैं। जब सुनील कहता है कपिल उसकी हां में हां मिला देता है। कपिल बाइक स्टार्ट करता है और चल पड़ता है सिटी मॉल। सिटी मॉल के पास तनिष्क का विशाल शोरूम देखकर सुनील के मुंह से निकला, वॉव। सुनील ने कहा, गोरखपुर जैसे शहर में इतनी बड़ी ज्वेलरी ब्रांड का शोरूम देाकर दंग हूं। कपिल ने जवाब दिया कि अरे यह तो कुछ भी नहींहै। आज सिटी में लक्मे, जावेद हबीब जैसे कई नेशनल और इंटरनेशनल यूटी ब्रांड्स हैं। एस्प्रा डायमंड की तो बात ही निराली है। लिनोलियम जैसे इंटीरियर डिजाइन के शोरूम सिटी में हैं। इस बात को गोरखपुराइट्स भी मानते हैं, इस बदलाव का क्रेज काफी हद तक आई नेक्स्ट को भी जाता है।

खुले कई ब्रांडेड शोरूस

इसके बाद वे जेएसके लाइफस्टाइल के शोरूम में जाते हैं, वहां पर ब्रांडेड आउटलेट देखकर सुनील दंग रह जाता है। यह शर्ट कैसी रहेगी? जब कपिल सुनील को एक शर्ट दिखाता है वह उसे ध्यान से देखने लगता है। कपिल बताने लगता है, चार साल पहले तक सिटी में बस गिनीचुनी ब्रांडेड क्लॉथ की शॉप्स थी। आज तो हर ओर ब्रांडेड शॉप्स नजर आती हैं। एक साल में फीमेल्स के लिए कई ब्रांडेड कंपनी के शोरूम भी खुले हैं। जिसमें कला जोन और छाबड़ा भ्भ्भ् जैसे ब्रांड हैं। टी शर्ट, शर्ट और सूट के लिए गोरखपुराइट्स नाइक, रिबॉक और लैकबेरी तक सीमित नहीं रह गए, बल्कि अब इंटरनेशनल ब्रांड्स के कई आउटलेट खुल गए। ब्रांडेड ड्रेस यूज करने के मामले में गोरखपुर यूपी में तीसरे नंबर पर है।

क्रेजी किया रे

दोनों जब शॉप्स से निकलते हैं तभी एक बीएमडल्यू उनके सामने से निकलती है। गोरखपुर में बीएमडल्यू? अरे तुम इतना चौंक क्यो रहे हो। सुनील की बात पर कपिल बोला। ये ख्0क्ब् का गोरखपुर है मेरे दोस्त। आज यहां बीएमडल्यू और ऑडी जैसी गाडि़यां आम बात है। आज सिटी के लोग हर साल क्0 से क्ख् हजार कार और बड़ी गाडियां खरीदते हैं। इनमें से पांच से सात हजार तो सिर्फ लग्जरी गाडि़यां ही होती है। आई नेक्स्ट को इसका क्रेडिट भी जाता है। आखिर उसके फीचर पेजेज पर ही तो देश दुनिया की ब्रांडेड और मशहूर गाडि़यों की डिटेल्स पलिश होती है। पिछले दो साल में लगभग बीस हजार से ज्यादा लग्जरी गाडि़यों के रजिस्ट्रेशन गोरखपुर से कराए गए हैं। यहीं नहीं लग्जरी गाडि़यों के साथ वीआईपी नंबर का भी क्रेज है।

आई नेक्स्ट भ् अप्रैल ख्0क्0 से प्रकाशित हो रहा है और मैं पहले दिन से आई नेक्स्ट पढ़ रहा हूं। मेरी और पूरी फैमिली की सुबह आई नेक्स्ट पढ़ने से होती है। व्यस्तता या आउट ऑफ सिटी होने के कारण जिस दिन आई नेक्स्ट नहीं पढ़ पाता, पूरा दिन ाली-ाली बीतता है। आई नेक्स्ट हर दिन एक नए कलेवर में दिाता है। एक अलग अंदाज में ाबरों का प्रेजेंटेशन इसको अन्य न्यूजपेपर्स से अलग करता है। इसमें सिटी लाइट्स पेज मुझे काफी अच्छा लगता है। सिटी का यह पहला न्यूज पेपर है जो हमारे घरों में होने वाले फंक्शंस को विथ फोटो अपने यहां पब्लिश करता है। आी तक ऐसा सिफ मेट्रो सिटीज में देाने को मिलता था। आई नेक्स्ट मेट्रो सिटी के कल्चर को सिटी में लेकर आया है। कहीं न कहीं हमारी लाइफस्टाइल में इसका असर ाी दिा रहा है। अपनी चार साल की यात्रा पूरी करने पर मेरी तरफ से आई नेक्स्ट को ढेर सारी बधाई। आशा है कि आगे भी आई नेक्स्ट में हमें ऐसी ही ाबरें पढ़ने को मिलती रहेंगी।

सौरभ सेठी, बिजनेसमैन