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BAREILLY (7 Dec): नॉर्थ एंड सेंट्रल जोन स्पेशल ओलंपिक्स के चेयरमैन रिटायर्ड एअर मार्शल अशोक गोयल ने बताया कि इंटरनेशनल फुटबॉल मुकाबले में सीनियर ब्वॉयज कैटेगरी के इंडियन स्पेशल एथलीट्स की परफॉर्मेस को देखते हुए उन्होंने मिनिस्ट्री ऑफ यूथ अफेयर्स एंड स्पोट्र्स को अपना प्रपोजल भेजा है कि उस टीम का नॉर्मल प्लेयर्स की टीम के साथ भी एक मैच रखा जाए। स्पेशल ओलंपिक्स से वापस आने के बाद जुलाई के लास्ट वीक में उन्होंने यह प्रपोजल भेजा था। वह 19 दिसंबर को दिल्ली जा रहे हैं। वहां अपने प्रपोजल को मटीरियलाइज करने के लिए बात करेंगे। प्रपोजल पास होने के बाद स्पेशल एथलीट्स का नॉर्मल एथलीट्स के साथ फुटबॉल कॉम्पिटिशन कराया जाएगा। यह कॉम्पिटिशन स्टेट लेवल का होगा। इसमें कुछ और गेम्स शामिल हो सकते हैं।

बरेली रचेगा इतिहास

रिटायर्ड एअर मार्शल इस बात की पूरी कोशिश कर रहे हैं कि यह कॉम्पिटिशन बरेली में हो। यह अपनी तरह का पहला कॉम्पिटिशन होगा। अब तक यूनीफाइड कॉम्पिटिशन होते रहे हैं। इस तरह के कॉम्पिटिशन में दोनों टीमों में स्पेशल और नॉर्मल एथलीट्स का कॉम्बिनेशन रहता है। अब तक ऐसा कभी नहीं हुआ कि एक टीम स्पेशल एथलीट्स की हो और एक टीम नॉर्मल एथलीट्स की। इस तरह के कॉम्पिटिशन का सीधा मकसद यह साबित करना है कि स्पेशल एथलीट्स किसी से भी कम नहीं हैं।

National camp शुरू

जेआरसी में स्पेशल एथलीट्स का वॉलीबॉल और बास्केटबॉल नेशनल ट्रेनिंग कैंप शुरू हो चुका है। यह कैंप 5 दिन तक चलेगा। इसमें 12 स्टेट्स के करीब 400 स्पेशल एथलीट्स 100 कोचेज के अंडर ट्रेनिंग लेंगे। कैंप का एनॉग्रेशन 8 दिसंबर को एअर कमोडोर प्रवीण भट्ट करेंगे। एथलीट्स के आने-जाने से लेकर ठहरने का इंतजाम जेएलए के ऑफिसर्स ने किया है। एनॉग्रेशन में आर्मी बैंड के साथ नॉर्थ और सेंट्रल इंडिया की डिफरेंट स्टेट्स से मार्च पास्ट के लिए एनसीसी कैडेट्स को इनवाइट किया गया है। आर्यपुत्री कन्या इंटर कॉलेज और जीवनधारा स्पेशल स्कूल के स्टूडेंट्स कल्चरल परफॉर्मेंस देंगे। प्रेस मीट के दौरान रीजनल प्रोग्राम डायरेक्टर डॉ। अमिताव मिश्रा, जीजी पुष्प, ऋषि सक्सेना, भूपाल सिंह और हर्ष चौहान मौजूद रहें।

State government नें नहीं ली सुध

2005 में स्पेशल ओलंपिक्स से इंडिया के 40 हजार एथलीट जुड़े थे। आज यह नंबर 7 लाख तक पहुंच चुका है। 2007 में शंघाई में हुए वल्र्ड समर गेम्स में यूपी के एथलीट्स ने 4 मेडल जीते थे। हाल ही में एथेंस में हुए यूपी की झोली में 14 मेडल आए। इसके बावजूद यूपी गवर्नमेंट ने स्पेशल एथलीट्स को प्रोत्साहित करने के लिए कोई कदम नहीं उठाया। दूसरी तरफ महाराष्ट्र सरकार ने अपने एथलीट्स को 1-1 लाख रुपए दिए। डॉ। अमिताव मिश्रा ने बताया कि 5 दिन पहले यूपी में लखनऊ के पत्रकार संघ ने अपनी तरफ से यूपी के एथलीट्स को 5-5 हजार रुपए दिए लेकिन यूपी गवर्नमेंट ने इस तरफ ध्यान नहीं दिया। यूपी गवर्नमेंट को स्पेशल ओलंपिक्स की तरफ से लेटर भी लिखा जा चुका है उसके बावजूद यह हाल है।

हम कोशिश कर रहे हैं कि स्पेशल एथलीट्स का सीधा मुकाबला नॉर्मल एथलीट्स से कराया जाए। हम इन्हें ट्रेनिंग भी उसी लेवल की दिलवा रहे हैं।

-रिटायर्ड एअर मार्शल अशोक गोयल, चेयरमैन स्पेशल ओलंपिक्स नॉर्थ एंड सेंट्रल जोन

नेशनल कैंप में स्पोट्र्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया और स्पेशल ओलंपिक्स के कोचेज की तरफ से इन बच्चों को ट्रेनिंग दी जा रही है। ये कैंप साल भर चलते रहते हैं। जनवरी में उत्तराखंड का पहला कैंप देहरादून में लगेगा।

-डॉ। अमिताव मिश्रा, प्रोग्राम डाइरेक्टर, स्पेशल ओलंपिक्स नॉर्थ एंड सेंट्रल जोन

इन बच्चों की खासियत यह है कि ये लगन के बड़े पक्के हैं। जब तक सीख नहीं जाएंगे हार नहीं मानेंगे।

-शशि राना, कोच

स्पेशल एथलीट्स को ट्रेन करने के लिए काफी पेशेंस की जरूरत है। एक बार सीख जाने के बाद ये फिर शिकायत का मौका नहीं देते।

-उपदेश उपाध्याय, कोच

मुझे मेरे भाई ने मोटिवेट किया इस तरफ आने के लिए। मुझे इन बच्चों के साथ समय बिताकर अच्छा लगता है।

-नसीब कुमार, कोच

मुझे बॉलीबाल के अलावा बैडमिंटन और क्रिकेट बहुत पंसद है। सचिन और लक्ष्मण का फैन हूं।

-अजय रावत, स्पेशल एथलीट

मुझे बास्केटबाल और बॉलीबाल अच्छा लगता है। रेस कॉम्पिटिशन में बड़ा मजा आता है।

-मनोज कुमार, स्पेशल एथलीट

मुझे हॉकी खेलना काफी पसंद है। चक दे मूवी देखी थी। बहुत अच्छी थी।

-आरती चौहान, स्पेशल एथलीट