RANCHI: मुख्य सचिव राजबाला वर्मा ने कहा है कि राज्य के पुराने एवं शिथिल पड़े उद्योगों के पुनरूद्धार के लिए विशेष नीति बनाई जाएगी। जेएसएमडीसी को मजबूत किया जाएगा, ताकि खनिज आधारित उद्योगों की स्थापना को गति मिले। जेएसएमडीसी को सशक्त बनाने के लिए सीसीएल से एक्सप‌र्ट्स की सेवा ली जाएगी, ताकि राज्य के उद्योगों को ट्रैक पर लाया जा सके। शुक्रवार को मुख्य सचिव उद्योग विभाग एवं झारखंड स्मॉल स्केल इंडस्ट्रीज के प्रतिनिधियों के साथ बैठक कर रही थीं।

बंद उद्योगों की रिपोर्ट मांगी

मुख्य सचिव ने कहा कि आयडा, रियाडा व आदित्यपुर इंडस्ट्रीयल एरिया में पदाधिकारी खुद जाकर उद्यमियों के साथ बैठक करेंगे। उन बिन्दुओं को चिन्हित करेंगे, जिसकी वजह से पुराने उद्योगों को उत्पादन में परेशानी आ रही है। उन्होंने उद्यमियों से कहा कि वे ऐसे उद्योग जो शिथिल हैं या बंद हैं, उसके कारणों की विस्तृत रिपोर्ट उद्योग विभाग को दें, ताकि उसके समाधान का रास्ता निकाला जा सके।

टैक्स प्रॉब्लम का होगा निदान

मुख्य सचिव ने कहा कि उद्यमियों को अगर टैक्स से संबंधित कोई भी परेशानी है, तो उसका निराकरण भी किया जाएगा। उन्होंने उद्योग विभाग को निर्देश दिया कि कमजोर पड़े उद्योगों का सर्वे कराएं तथा उन बिन्दुओं को चिन्हित करें जिनकी वजह से इंडस्ट्रीज का ग्रोथ रेट कम हो रहा है या बंद हो गया है। उन्होंने कहा कि स्थानीय उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए क्वालिटी की समीक्षा के बाद सभी आवश्यक सामग्रियों की सूची जो सरकार की ओर से क्रय की जाती है, वेबसाइट पर अपलोड करें। जल्द ही इस हेतु एक नीति बनाई जायेगी, ताकि स्थानीय उत्पादों को प्राथमिकता दी जा सके। बैठक में मुख्य रूप से अपर मुख्य सचिव उद्योग विभाग यूपी सिंह, सचिव के रविकुमार, झारखंड स्मॉल स्केल इंडस्ट्रीज के विकास सिंह, चंद्रकांत रायपत सहित कई पदाधिकारी व उद्यमी उपस्थित थे।