सेविंग की टेंडेंसी होगी डेवलप

एक बैंक के मैनेजर का कहना है कि पैरेंट्स द्वारा बच्चों और टीनएजर्स के अकाउंट खोलने से उनमें सेविंग की टेंडेंसी डेवलप होती है। इसलिए अधिक से अधिक बच्चों को इन अकाउंट से जोडऩे की जरूरत है। ऐसा करने से उनके एक्स्ट्रा खर्च पर भी लगाम लगाया जा सकता है।

 

इन बैंक्स में खोल सकते हैं अकाउंट

यूनियन बैंक टीनएजर्स के लिए माइनर स्कीम के नाम से अकाउंट चला रहा है तो पंजाब नेशनल बैंक में किसी विशेष नाम से तो नहीं लेकिन दो प्रकार के अकाउंट चल रहे हैं, जिसमें एक 10 साल से कम तथा दूसरा 10 से 18 साल के बच्चों के लिए है। एचडीएफसी बैंक ऐसे बच्चों के लिए किड्स एडवांटेज अकाउंट स्कीम चला रहा है। इस खाते से एक बच्चा डेली 25 सौ रुपए निकाल सकता है। एक लाख रुपए का एजुकेशन लोन भी इस अकाउंट पर मिल सकता है। इसके अलावा आईसीआईसीआई, कोटेक महिंद्रा आदि बैंक भी इन बच्चों के अकाउंट खोलने के लिए स्कीम चला रहा है।

बच्चे नहीं कस्टमर

बैंक्स अब बच्चों को बच्चे नहीं कस्टमर की नजर से देख रहा है। यही कारण है कि बैंक्स ने इनको भी अकाउंट खोलने के लिए वैधानिक अधिकार दे दिया है, जबकि कानूनन 18 साल के बच्चे को किसी भी प्रकार का कोई अधिकार नहीं होता है।

4 प्रतिशत मिलेगा ब्याज

सिटी में जितने भी बैंक इस प्रकार के अकाउंट चला रहे हैं, वे इनपर 4 प्रतिशत ब्याज दे रहे हैं। इस प्रकार के अकाउंट से एक साल में बच्चा 50 हजार रुपए का ट्रांजेक्शन करने का अधिकारी है। एसबीआई जम्बो जूनियर अकाउंट के नाम से बच्चों और टीनएजर्स के लिए स्कीम चला रहा है। यह अकाउंट मिनिमम 500 रुपए पर खोला जा सकता है।

ऐसे अकाउंट से बच्चों को बचपन से ही फाइनेंसियल संबंधी जानकारी मिल जाती है। साथ ही उनमें सेविंग की टेंडेंसी डेवलप होती है।

रंजीत सिंह, चीफ मैनेजर, यूबीआई मेन ब्रांच

For Your information

- 0-10 साल के बच्चे खोल सकते हैं अकाउंट

- बच्चों के अकाउंट की मॉनिटरिंग करेंगे पैरेंट्स

- 10-18 साल के स्टूडेंट्स भी खोल सकते हैं अकाउंट

- परीक्षा के लिए ड्राफ्ट बनवाने पर उन्हें नहीं देना होगा कोई कमीशन

- इस अकाउंट से एक लाख रुपए तक मिल सकेगा एजुकेशन लोन

report by : saurabh.upadhyay@inext.co.in