आगरा। नौ मई को आई नेक्स्ट द्वारा राज्य पोषण मिशन में अधिकारियों की कारगुजारी के खुलासा को शासन ने गंभीरता से लिया है। शासन के निर्देश पर मंगलवार देर शाम विशेष सचिव रमाशंकर आगरा पहुंच गए। राज्य पोषण मिशन की हकीकत जानने आए विशेष सचिव ने विकास भवन में शाम को अधिकारियों के साथ मीटिंग कर कार्ययोजना को देखा। आज बुधवार को विशेष सचिव डीएम द्वारा गोद लिए खेरागढ़ के गांव खानपुर का निरीक्षण करने जाएंगे।

मीटिंग में अधिकारियों को लगाई लताड़

विकास भवन में हुई मीटिंग में विशेष सचिव ने सभी जिला स्तरीय अधिकारियों को लताड़ लगाई। इस दौरान उन्होंने निर्देश दिए कि फील्ड में जाना सुनिश्चित करें। अधिकारियों द्वारा जिन गांवों को गोद लिया है, वे अधिरकारी बुधवार और शनिवार को गांव का निरीक्षण करें। गांव में कुपोषित बच्चों का वजन अवश्य तुलवा लें। उन्होंने कहा कि ये कार्यक्रम मुख्यमंत्री की प्राथमिकता में शामिल है। इसे खुद मुख्यमंत्री ही देख रहे हैं। गर्भवती महिलाओं, किशोरियों को एनीमिया की शिकायत तो नहीं है। मौके पर जाकर ऐसे बच्चों को चिह्नित कर उनका पंजीकरण कराएं। फोटो समेत उनकी रिपोर्ट तैयार करें। इस दौरान सभी जिला स्तरीय अधिकारी, सीडीओ दीपक मीणा, जिला कार्यक्रम अधिकारी सरोजिनी बाला समेत अन्य अधिकारी मौजूद रहे।

आज करेंगे गांव का निरीक्षण

आज बुधवार को शासन के विशेष सचिव डीएम पंकज कुमार द्वारा गोद लिए गए गांव का निरीक्षण करेंगे। इस बारे में सीडीओ दीपक मीणा ने बताया कि विशेष सचिव पहले तहसील खेरागढ़ के गांव खानपुर जाएंगे। इसके बाद सीडीओ द्वारा गोद लिए गए अछनेरा के गांव अरसैना जाएंगे।

'नहीं पता डीएम ने लिया गोद'

कागजों में गोद लिए गए गांवों में अधिकारियों ने एक बार भी जाना मुनासिब नहीं समझा। आई नेक्स्ट टीम ने गांवों की स्थिति से रूबरू होने के लिए डीएम पंकज कुमार द्वारा गोद लिए गांव खानपुर का जायजा लिया, तो योजना के प्रति अधिकारियों की गंभीरता की कलई खुल गई। टीम द्वारा की गई ग्रामीणों से बातचीत में जानकारी हुई कि उन्हें पता ही नहीं कि गांव को डीएम ने गोद लिया है। डीएम द्वारा गोद लिए गांव में हर घर में बच्चे कुपोषण के शिकार हैं। गांव की रेखा, कलावती और ओमवती कहती हैं कि आंगनबाड़ी केन्द्र से कभी-कभार पंजीरी बांट दी जाती है। राज्य पोषण मिशन कार्यक्रम क्या है? उन्हें इसकी जानकारी नहीं है। गर्भवती महिलाओं को भी कुछ नहीं मिलता है।