- ट्रांसपोर्ट नगर आरटीओ ऑफिस में रोज आती हैं 120 महिलाएं

- एआरटीओ ऑफिस में डेली काम के लिए आती हैं 75 महिलाएं

- दिन में दो घंटे सिर्फ महिलाओं के लाइसेंस बनाए जाएंगे

- परिवहन विभाग ने इसके लिए एनआईसी को दिए निर्देश

sanjeev.pandey@inext.co.in

LUCKNOW:

परिवहन विभाग जल्द ही प्रदेश की महिलाओं को शानदार सौगात देने की तैयारी कर रहा है। जिसके चलते लाइसेंस बनवाने के लिए आरटीओ ऑफिस जाने वाली महिलाओं का न केवल समय बचेगा बल्कि उन्हें भटकना भी नहीं पड़ेगा। एक विशेष टाइम के दौरान सिर्फ महिला आवेदकों के ऑनलाइन टेस्ट और ड्राइविंग टेस्ट ि1लए जाएंगे।

महिलाओं के लिए अलग कंप्यूटर

इसके लिए परीक्षा कक्ष में महिलाओं के कंप्यूटर अलग किए जाएंगे और ड्राइविंग टेस्ट देने के लिए विशेष टाइम स्लॉट की सुविधा दी जाएगी। इसके लिए परिवहन विभाग ने एनआईसी को विशेष सॉफ्टवेयर बनाने का निर्देश दिया है। भविष्य में लाइसेंस बनवाने के लिए महिलाओं के आवेदन भी अलग बॉक्स में जाएंगे।

अभी लगता है काफी टाइम

प्रदेश भर के आरटीओ और एआरटीओ ऑफिस में महिलाओं के लिए अभी लाइसेंस बनवाने की कोई अलग व्यवस्था नहीं है। सारथी 4 में आवेदन करने के बाद जब उनका नंबर आता है, तभी उन्हें लाइसेंस प्रक्रिया में शामिल किया जाता है। ऐसे में परिवहन विभाग ने आधी आबादी की इस समस्या को दूर करने का निर्णय लिया है। परिवहन विभाग ने एनईसी (नेशनल इंफार्मेशन सेंटर) को ऐसी व्यवस्था करने के निर्देश दिए हैं, जिससे महिलाओं को लाइसेंस बनवाने में आसानी हो।

मिलेगी विशेष छूट

अब ड्राइविंग टेस्ट के लिए दिन में एक समय सिर्फ महिलाओं के लिए निर्धारित किया जाएगा। इस समय में सिर्फ महिलाएं ही टेस्ट दे सकेंगी। ड्राइविंग टेस्ट पास करने वाली महिलाओं को बायोमेट्रिक प्रक्रिया के लिए भी अब इंतजार नहीं करना होगा। उनके लिए अलग से एक काउंटर की व्यवस्था की किए जाने की तैयारी है। विशेष टाइम स्लॉट निर्धारित होने पर सिर्फ उनके लाइसेंस बनाने का ही काम कियजाएगा।

एनआईसी के अधिकारियों के साथ इस पर बैठक हो चुकी है। अभी तो विशेष टाइम स्लॉट पर ही बात चल रही है। बाद में सारथी-4 में ऐसी व्यवस्था की जाएगी, जिससे लाइसेंस के लिए महिलाओं के आवेदन अलग ही आएं। जिससे उन्हें लाइसेंस बनवाने के लिए अधिक इंतजार ना करना पड़े।

संजय नाथ झा

आरटीओ, आईटी सेल

इससे महिलाओं की परेशानी हल हो जाएगी। अभी आरटीओ ऑफिस किसी भी काम के लिए जाने पर पूरा दिन बरबाद होता है। फिर भविष्य में महिला आवेदकों की संख्या बढ़नी ही है।

निधि शुक्ला, जानकीपुरम

इससे महिलाओं का टाइम बचेगा और काम कराने के लिए दलालों के पास भी नहीं जाना पड़ेगा। आरटीओ ऑफिस में आसानी से किसी भी काम की जानकारी ली जा सकेगी।

नुपुर सिंह, हजरतगंज

इससे महिलाओं के लिए लाइसेंस बनवाने की प्रक्रिया सरल हो जाएगी। सारथी फोर के साथ ही इसकी शुरुआत हो जानी चाहिए थी। इस बारे में परिवहन विभाग ने बड़ी देर से कदम बढ़ाए हैं।

कोमल, चौक