-पहली बार समय पर चल रही हैं स्पेशल ट्रेनें, लेटलतीफी से परेशान पैसेंजर्स की परेशानी हुई दूर

-दिल्ली-हावड़ा रूट की स्पेशल ट्रेनों के बेहतर संचालन के लिए दिल्ली में बनाया गया स्पेशल सेल

KANPUR। स्पेशल व सुविधा ट्रेनों में सफर करने वाले यात्रियों को अब ट्रेन के घंटों लेट चलने की शिकायत करने का मौका नहीं मिलेगा। क्योंकि रेलवे ने सामान्य ट्रेनों की अपेक्षा अधिक पैसा देकर स्पेशल ट्रेनों में सफर करने वाले पैसेंजर्स की सुविधा के लिए अहम कदम उठाए हैं। रेलवे ने स्पेशल व सुविधा ट्रेनों को समय पर चलाने के लिए दिल्ली में ऐ स्पेशल सेल बनाया है। जोकि सिर्फ त्योहार में चलाई जाने वाली स्पेशल ट्रेनों का ही संचालन देखेंगे। अधिकारियों के मुताबिक पहली बार ऐसा हुआ है कि स्पेशल ट्रेनें समय पर चल रही हैं।

78 जोड़ी स्पेशल ट्रेनें चलाई गईं

रेलवे अधिकारियों के मुताबिक दिल्ली-हावड़ा, लखनऊ-मुम्बई व गोरखपुर-मुम्बई समेत विभिन्न रूटों में कुल 78 जोड़ी स्पेशल ट्रेनें त्योहार के दौरान पैसेंजर्स की सुविधा के लिए चलाई गई हैं। जिसमें से ज्यादातर ट्रेनें वाया कानपुर होकर जाती हैं। अधिकारियों के मुताबिक ट्रेनों के निर्धारित समय पर चलने से पैसेंजर्स को काफी राहत मिलेगी, क्योंकि त्योहार में सामान्य ट्रेनें फुल हो जाने पर पैसेंजर्स के पास सिर्फ सुविधा व स्पेशल ट्रेनों का ही सहारा रहता है।

क्यों लेट होती थीं स्पेशल ट्रेनें

रेलवे अधिकारियों के मुताबिक दिल्ली-हावड़ा रूट में वैसे ही क्षमता से डेढ़ गुना ट्रेनों का संचालन हो रहा है। वहीं स्पेशल ट्रेनें चलने से रूट में ट्रैफिक बढ़ जाता है। इसके साथ ही रूट के स्टेशन मास्टर्स को स्पेशल ट्रेनों के संचालन को लेकर पूरी जानकारी नहीं होती है। इसीलिए कई बार स्पेशल ट्रेनें अपने रूट की बजाए दूसरे रूट में चली जाती हैं। ऐसे में रेलवे ने स्पेशल ट्रेनों के बेहतर संचालन के लिए अलग कंट्रोल रूम बनाया है। जिससे उनका संचालन बेहतर हो सके।

यात्रियों की शिकायत पर लिया फैसला

रेलवे बोर्ड अधिकारियों के मुताबिक स्पेशल व सुविधा ट्रेनों में सफर करने वाले पैसेंजर्स की ट्रेनों के लेट चलने की शिकायत होती थी। उनका कहना था कि ज्यादा पैसे देने के बाद भी सुविधा नहीं मिलती है। पैसेंजर्स की शिकायतों के बाद यह फैसला लिया गया है।

कोट

रेल पैसेंजर्स की सुविधा को ध्यान में रखते हुए यह फैसला लिया गया है। जिससे पैसेंजर्स को सफर के दौरान किसी भी समस्या का सामना न करना पड़े।

गौरव कृष्ण बसंल, सीपीआरओ, एनसीआर