ओबो की सुरीली धुन बक्से में कैद पड़ी है। फ्लूट को अभी निकाला ही नहीं गया है। पिक्लो फ्लूट भी बजाने वाला कोई नहीं है। बस, जैसे-तैसे काम चल रहा है। यह हाल है उत्तर प्रदेश सरकार के राजकीय बैंड का। यह कोई मामूली बैंड नहीं है। यह बैंड है कैप्टन राम सिंह का। आजादी के बाद पहली बार लाल किले पर इसी बैंड दल ने नेशनल एंथम की धुन बजाई थी। आज यह दिन है कि इस बैंड के इंस्ट्रूमेंट्स को बजाने वाले नहीं मिल रहे हैं।
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महानगर स्थित 35वीं बटालियन पीएसी की एक बैरक में स्टेट बैंड का कार्यालय बना हुआ है। लेकिन अधिकारियों को इस बैंड की कोई परवाह नहीं है। जिस बैरक में बैंड की धुनों पर प्रैक्टिस हो रही है और सारा सामान रखा गया है, उस बैरक को 2003 में कंडम डिक्लेयर कर दिया गया था। इतना ही नहीं मई में लाखों रुपए का नया बैंड मंगवाया गया है, वह भी यही रखा हुआ है। नाजुक और हल्के-फुल्के किसी भी इंस्ट्रमेंट पर एक भी ईट गिरी तो उसका तो बाजा बज जाएगा। सूत्रों के अनुसार पिछले कई सालों से यहां पर पुराने और फटे बैंड बजाने को यहां के लोग मजबूर थे। लेकिन शासन ने मई में नए इंस्टू्रमेंट्स मंगवाये। नए सभी इंस्ट्रूमेंटस हाई-फाई हैं। इनकी टेक्निकलटीज भी इनकी समझ में नहीं आ रही हैं। हांलाकि आर्मी के एक रिटायर्ड बैंड मास्टर इन दिनों उन्हें ट्रेनिंग दे रहे हैं।

सूत्रों के अनुसार स्टेट बैंड की टीम में 44 लोगों की जगह निर्धारित है। जबकि यहां पर इंस्टू्रमेंट्स बजाने वाले बैंड दल के सिर्फ 18 ही लोग बचे हैं। पिछले कई सालों से खाली पड़े पदों पर तैनाती नहीं हुई है। 26 लोगों के ना होने से बैंड की परफार्मेंस बहुत अच्छी नहीं हो पाती। इसी का नतीजा है कि ऑल इंडिया पुलिस प्रतियोगिता में होने वाले बैंड काम्पटीशन में यहां का बैंड सिर्फ फार्मेल्टी के लिए जाता है। पिछले कई सालों से इसे कोई मेडल नहीं मिला है। बैंड के लोगों की माने तो 1999 में इसे सेकेंड प्लेस मिली थी। इस बार गोवा में ऑल इंडिया पुलिस का बैंड काम्पटीशन होना है। तैनाती ना होने से तमाम इंस्ट्रमेंटस का कोई स्पेशलिस्ट नहीं है। इसके चलते जिसको जो इंस्टू्रमेंट दे दिया जाता है, उसे वह बजाना पड़ता है।

बैंड प्रभारी रघुनाथ राम बताते हैं कि 18 लोगों के भरोसे ही सारा काम चल रहा है। लेकिन इससे हमारी परफार्मेंस पर कोई असर नहीं पड़ता है। ऑल इंडिया पुलिस प्रतियोगिता में होने वाले बैंड काम्पटीशन के लिए तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। उन्होंने बताया कि कई सालों बाद नए इंस्टू्रमेंट्स आए हैं। तकनीक के मामले में यह पुराने से ज्यादा हाई-फाई हैं। लेकिन तमाम इंस्टू्रमेंट्स ऐसे भी हैं जो इंडिया में केवल हमारे ही पास हैं। लेकिन इन्हें बजाने वाला कोई नहीं है।


 
पुलिस की बैंड टीम में खाली पदों को भरने की प्रक्रिया चल रही है। हमारी कोशिश है कि इस बार ऑल इंडिया पुलिस प्रतियोगिता में होने वाले बैंड काम्प्टीशन से पहले पुलिस की बैंड टीम में कोई पद खाली ना रहे। हमें उम्मीद है कि हम इस बार खाली हाथ नहीं लौटेंगे। इसके अलावा बैंड के लिए नई बैरक तैयार कर ली गई है। जल्द ही सारा सामान शिफ्ट हो जाएगा और बैंड टीम की प्रैक्टिस वहीं पर कराई जाएगी।
भावेश कुमार (आईपीएस)
सचिव
यूपी पुलिस स्पोट्र्स कंट्रोल बोर्ड