हो सकते हैं कई problems
स्पीड ब्रेकर्स के सही तरीके से न बने होने से लोगों को कई मेडिकल प्रॉब्लम्स भी हो सकते हैं। एमजीएम हॉस्पिटल के फिजीशियन डॉ। बलराम झा के मुताबिक स्पीड ब्रेकर्स की वजह से तेज झटका लगता है, जिससे स्पाइनल कॉड पर काफी प्रेशर पड़ता है। इसके अलावा यहां से गुजरते समय बॉडी आगे की ओर बेंट होती है। इससे सरवाइकल बोन पर भी काफी दबाव पड़ता है। झटका लगने से लोअर बैक में पेन हो सकता है। प्रेग्नेंट लेडी के लिए यह काफी डेंजरस हो सकता है।

खतरनाक हैं ये speed breaker
मानगो गांधी मैदान के पास, भालूबासा हनुमान मंदिर के पास, डीसी ऑफिस के पास, राजेंद्र विद्यालय के पास जुबिली पार्क गेट के पास आदि कई जगहों पर ऐसे खतरनाक स्पीड ब्रेकर्स बने हुए हैं जिसके चलते लोगों को काफी प्रॉब्लम फेस करनी पड़ती है।

Engineering fault
पीडब्ल्यूडी के एक्जीक्यूटिव इंजीनियर अनिल कुमार सिंह बताते हैं कि वैसे तो रूल के अकॉर्डिंग किसी भी रोड पर स्पीड ब्रेकर होना ही नहीं चाहिए, लेकिन कुछ एक्सीडेंट प्रोन एरियाज को देखते हुए स्पीड ब्रेकर्स बनाना पड़ता है। स्पीड ब्रेकर्स बनाने का परपज रैश ड्राइविंग को रोकना है।
उनके मुताबिक रोड कंस्ट्रक्शन काफी कॉस्टली इंवेस्टमेंट है। किसी भी रोड पर स्पीड ब्रेकर बनाना इंजीनियरिंग स्किल पर डिपेंड करता है। स्पीड ब्रेकर का मेजरमेंट उस जगह की लोकेशन और वहां के ट्रैफिक पर डिपेंड करता है। उन्होंने बताया कि हर स्पीड ब्रेकर पर कैट आइज लगाना पॉसिबल नहीं है, क्योंकि यह काफी कॉस्टली होता है। कैट आइज की बजाए जेब्रा क्रॉसिंग की तरह व्हाइट स्ट्रिप्स बनाना जरूरी होता है। हर छह मंथ में इन स्ट्रिप्स को मेंटेन करना भी जरूरी होता है। ऐसा नहीं होता तो ये इंजीनियरिंग डिफॉल्ट है।

'अगर स्पीड ब्रेकर में कैट आइज न लगे हों तो व्हाइट स्ट्रिप्स पेंट होनी चाहिए ताकि ब्रेकर ईजली विजिबल हो। और इन स्ट्राइप्स को हर 6 मंथ पर मेंटेन भी करना होता है.'
-अमित कुमार सिंह, एक्जीक्यूटिव इंजीनियर, पीडब्ल्यूडी

'स्पीड ब्रेकर से लगने वाले झटके के चलते स्पाइनल, सरवाइकल और लोअर बैक की प्रॉब्लम्स हो सकती हैं.'
-डॉ। बलराम झा, फिजीशियन, एमजीएम

Report by: rajnish.tiwari@inext.co.in