जनरली स्पिरिचुअल सेटिस्फैक्शन को मेडिटेशन, ध्यान वगैरह से जोड़ा जाता है. वो इसका एक फॉर्म है ये सच है. असल में माना जाता है कि मेडिटेशन करने से आप अपने आप से जुड़ते हैं, कुछ वक्त शांत बैठने से आपके दिमाग का एग्रेशन शांत होता है और आप कहीं ज्यादा पीसफुल फील करते हैं, मन में कोई गिल्ट नहीं होता और आप कम्प्लीट फील करते हैं. यही स्पिरिचुएलिटी का गोल है.इसका मतलब ये बिल्कुल नहीं है कि मेडिटेशन ही स्पिरिचुएलिटी है. ऐसा नहीं है कि कुछ जरूरी काम होने के बाद भी घंटों मेडिटेशन के लिए बैठे बिना स्पिरिचुअल पीस फील नहीं किया जा सकता.

डेली लाइफ, हर दिन के छोटे-छोटे काम अपने आप से जुडऩे और खुद को कम्प्लीट फील करने का मीडियम बन सकते हैं. ये डेफिनिशन जरूर सबके लिए अलग-अलग हो सकती है. जैसे एआर रहमान के लिए म्यूजिक ही स्पिरिचुएलिटी है. वे उस वक्त रिलैक्स्ड और कम्प्लीट फील करते हैं जब वे म्यूजिक क्रिएट कर रहे हों. ये न करें तो वह अधूरा सा महसूस करते हैं.

ये कम्प्लीटनेस फील करने के लिए बस एक चीज की जरूरत है, खुद से एक रिश्ते की. ये जानने की कि सच में आप क्या चाहते हैं. ये चाहत किसी की हेल्प करने से लेकर एक टाइम प्रेयर करना, गुस्सा न करना या टाइम पर काम करने से लेकर कुछ भी हो सकती है.

फिल्म एक्टर आमिर खान कहते हैं, ‘आप किसी को देखें, आपको लगे कि उसे केयर या सपोर्ट की जरूरत है और वो न करें, तो कुछ खलता सा रहता है. गलतियां सबसे होती हैं लेकिन फिर भी मेरी कोशिश रहती है कि कम से कम जानते हुए मैं किसी को तकलीफ न दूं.’

दरअसल स्पिरिचुएलिटी हमारी ही रियल आइडेंटिटी है और थॉट्स, फीलिंग्स, इमोशंस इसके असेंस होते हैं. ये सारे असेंस हमारे रूटीन वर्क से जुड़े होते हैं. इस पीस को खुद से जोडऩा और हर छोटे-बड़े काम में महसूस करना ही स्पिरिचुएलिटी का अल्टिमेट गोल है.

एक असल कहानी

कोई काम अगर पूरा न हो तो वो मन में खटकता रहता है. ये स्पिरिचुअल सेटिस्फैक्शन की राह में रोड़ा बन सकता है. जानते हैं हिस्ट्री की सबसे इम्प्रेसिव पर्सनैलिटीज में से एक अब्राहिम लिंकन की कहानी, जो इस जुड़ाव का एक एग्जाम्पल है.

ये किस्सा उस वक्त का है जब लिंकन लॉयर हुआ करते थे. एक दिन वह अपने तीन लॉयर दोस्तों के साथ कोर्ट जा रहे थे. वे सभी घोड़े पर थे और बरसात की वजह से रास्ता कीचड़ से भरा हुआ था. सभी खुश थे और आपस में बातचीत करते हुए आगे बढ़ते जा रहे थे, तभी एक ओर से चिडिय़ों के शोर मचाने की आवाज सुनाई दी. सबका ध्यान एक साथ उधर चला गया जिधर से आवाज आ रही थी. उन्होंने देखा कि चिडिय़ा के दो बच्चे तूफान की वजह से पेड़ पर बने घोसले से नीचे गिर गए हैं. वे इतने छोटे थे कि उड़ भी नहीं सकते थे. वे ठंड से बुरी तरह कांप रहे थे और बीच-बीच में पंख फडफ़ड़ा रहे थे. बच्चों के आसपास उसकी मां भी अपनी पंख फडफ़ड़ा रही थी. चारों की नजर उधर गई और फिर वे आगे बढ़ लिए. थोड़ा आगे जाकर लिंकन के तीनों दोस्तों में से एक ने कहा, ‘लिंकन कहां है?’ तीनों को अंदेशा हो गया कि लिंकन कहां होंगे. तब तक कीचड़ लगे कपड़ों में लिंकन वहां पहुंचे. उनके एक दोस्त ने कहा, ‘तुम जरूर चिडिय़ा के बच्चों को घोसले में रखने लगे होगे. चिडिय़ा के लिए ऐसी मेहनत कोई बेवकूफ ही कर सकता है. तुम्हारे लिए कोर्ट टाइम पर पहुंचना जरूरी था या ये.’ लिंकन ने कहा, ‘कोर्ट पहुंचना जरूरी है, लेकिन अगर उन्हें इस हाल में छोड़ देता तो मैं सारी रात सो नहीं पाता. कुछ खालीपन सा लगता रहता.’

Inner side

Improve your spiritual health

स्पिरिचुअली हेल्दी होने के लिए बस एक मंत्र है. हर वो काम करें जो अंदर से सुकून दे. इस सुकून की डेफिनिशन कुछ भी हो सकती है. अपना फेवरेट गेम खेलने से लेकर, योगा करना, वॉक पर जाना या अकेले में बैठकर सोचना, कुछ भी आपको सुकून दे सकता है. जरूरी नहीं कि जो काम किसी एक को स्पिरिचुएलिटी के नजदीक लाता हो वो हर किसी पर लागू हो.

Word wise

Live in the present

According to Buddha,"The secret of health for both mind and body is not to mourn for the past, not to worry about the future, or not to anticipate troubles, but to live in the present moment wisely and earnestly."