स्ट्रेस हमारी लाइफ का एक पार्ट बन गया है. वर्क प्रेशर और कांपटिशन के बीच हम रोजाना सीवीयर या माइल्ड स्ट्रेसेस से गुजरते हैं और इनसे बचने के लिए अपने-अपने तरीके भी अपनाते हैं. स्ट्रेस से हम पूरी तरह छुटकारा तो नहीं पा सकते, और यह पॉसिबल भी नहीं है लेकिन स्पिरिचुएलिटी के थ्रू खुद को मैनेज कर स्ट्रेस कम कर सकते हैं.

Knocking at the door of soul

स्ट्रेस से निजात पाने का यूनीक तरीका है मन के दरवाजे को नॉक करना. जब बाहर के सभी सोर्सेज आपको रिलैक्स नहीं कर पाते तो खुद अपने अंदर झांकिए. खुद को जानने और समझने की कोशिश कीजिए.

इस मेंटल ओरिएंटेशन से आप इनर रिक्वॉयर्मेंट, पोटेंशियल को जान पाते हैं और इससे आपकी ग्रोथ होती है. एक्चुअली, स्पिरिचुएलिटी या खुद को जानना ही लाइफ का रियल पर्पज है.

रिसर्चेज प्रूव कर चुके हैं कि गॉड कांसेप्ट के साथ रिलेशनशिप मॉडर्न मैन के इमैजिनेशन को कैच करता है. गॉड के बारे में सोचना भी स्ट्रेस और इसके इफेक्ट्स को रिड्यूस करता है, ऐसा करते वक्त गॉड वर्शिप और रिलीजियस रिचुअल्स फॉलो करना जरूरी नहीं है. दरअसल हमारा माइंड एक बेहतरीन टूरिस्ट है. उसे बस जगाना पड़ता है इसके बाद वह हमें ही हमारी खूबियों के बारे में बताता है.

To encourage positive thoughts

स्पिरिचुएलिटी निगेटिव थॉट्स को रिड्यूस कर पॉजिटिव थॉट्स को एनकरेज करती है, इससे हम लाइफ की डिफिकल्ट सिचुएशंस में भी पॉजिटिव बने रहते हैं. एक्सपट्र्स का मानना है कि पॉजिटिव एटिट्यूड रिलैक्सेशन के लिए एसेंशियल फैक्टर है. इससे ना केवल आपको डेली रूटीन वर्क में मदद मिलती है बल्कि यह आपके टोटल आउटलुक को चेंज कर देता है.

आप किसी बहती हुई नदी की तरह पॉजिटव, चीयरफुल और स्पॉन्टेनियस फील करते हैं. आप खुद को जितना बेहतर रियलाइज करते हैं उतना ही दूसरों पर आपका रिएक्शन बैलेंस्ड होता है. इतना ही नहीं, आपका रिलेशन आसपास के लोगों से बहुत ही बेहतर होता है. लोग आपसे मिलकर पॉजिटिव फील करते हैं और बहुत रिलैक्स होते हैं.जिस तरह आप क्वॉयट एटमास्फियर, फूलों या उनकी खुशबू से रिलैक्स फील करते हैं उसी तरह स्पिरिचुएलिटी पीस ऑफ माइंड के लिए जरूरी है.