पकड़ होने पर ही अवॉर्ड पर विचार
खिलाड़ी जिस फेडरेशन से है, उसकी पकड़ होने पर ही खिलाड़ी के नाम पर विचार किया जाता है. खान ने कहा कि  खेल मंत्रालय को खुद खिलाडिय़ों के प्रदर्शन का रिकॉर्ड देखकर पुरस्कार देना चाहिए. ऐसा नहीं होने के कारण कई कमतर खिलाड़ी पात्र खिलाडिय़ों से पहले पुरस्कार जीतने में बाजी मार लेते हैं. उन्होंने कहा कि निश्चित ही इसमें पैसों का लेनदेन होता होगा. बिना इसके कोई काम नहीं हो सकता है. अर्जुन पुरस्कार मिलने के बाद खिलाड़ी का नाम हो जाता है. उन्हें कई आजीवन सुविधाएं मिल जाती हैं.