बैडमिंटन संघ का ठहराया जिम्मेदार
जानकारी है कि देश के तीसरे सबसे बड़े नागरिक सम्मान को लेकर खेल मंत्रालय ने गृह मंत्रालय से साइना नेहवाल के नाम की सिफारिश नहीं की थी, लेकिन वहीं इसके पीछे मंत्रालय ने बैडमिंटन संघ को पूरी तरह से जिम्मेदार ठहराया है. इसको लेकर मंत्री ने जानकारी दी कि संघ की ओर से मंत्रालय को सिफारिशी चिट्ठी देर से मिली.     

चिट्ठी पर किया जाएगा विचार
पूरे मामले को लेकर सर्वानंद सोनोवाल ने बताया कि 9 अगस्त 2014 की चिट्ठी, जिसमें बैडमिंटन संघ की ओर से नेहवाल को पद्मभूषण सम्मान के लिए नॉमिनेट किया गया था, वह चिट्ठी उनके पास 3 जनवरी को पहुंची थी और अब जब पत्र मिल गया है तो इस पर विचार किया जाएगा.

2014 अगस्त में की गई सिफारिश
गौरतलब है कि साइना नेहवाल ने इस पूरे मामले को लेकर शनिवार को ट्विटर पर अपनी नाराजगी जाहिर की थी और कहा था कि क्यों हमेशा पुरस्कार देने में भेदभाव किया जाता है. भारतीय बैडमिंटन संघ (बाई) ने 2014, अगस्त में खेल मंत्रालय से साइना के नाम की सिफारिश की गई थी. इसके बावजूद मंत्रालय ने दो बार के ओलंपिक पदक विजेता पहलवान सुशील कुमार को ही इस पुरस्कार के लिए चुना है.

क्या कहा साइना ने
2010 में पद्मश्री सम्मान से सम्मानित साइना ने कहा कि जब उन्होंने 2014 में पद्म भूषण के लिए अप्लाई किया था, तो मिनिस्टरी ने कहा था कि पांच साल पूरे नहीं हुए हैं इसलिए उनकी एप्लीकेशन रिजेक्ट हो जाएगी. साइना का मानना है कि इस हिसाब से अगर देखा जाए तो सुशील कुमार को 2011 में पद्मश्री से ऑनर किया गया था और रूल्स के अकॉर्डिंग उन्हें 2016 में ही दूसरा पद्म अवॉर्ड मिल सकता है. साइना का लॉजिक ठीक है लेकिन इसके लिए वेट करना होगा ये देखने के लिए कि होम मिनिस्टरी सुशील कुमार को पद्म अवॉर्ड से ऑनर करने का र्स्पोंटस मिनिस्टरी की रिक्मेंडेशन एक्सेप्ट करने का डिसीजन लेती है या नहीं, क्योंकि 2013 में भी सुशील कुमार को पद्म भूषण देने की रिक्मेंडेशन र्स्पोटस मिनिस्टरी ने की थी, लेकिन उन्हें उस बार ये ऑनर नहीं मिला था. वैसे साइना ने यह भी कहा है कि अगर सुशील के साथ उनको भी पद्म अवॉर्ड मिलता है तो ये उनके लिए खुशी की बात होगी.

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