सरकार ने अपने नागरिकों को इन समूहों के साथ सभी संपर्क ख़त्म करने को कहा है. इन 16 समूहों में तमिल टाइगर्स भी शामिल है.

तमिल टाइगर्स

तमिल टाइगर्स वही संगठन है जिसका श्रीलंका सरकार ने लंबे गृहयुद्ध के बाद सफ़ाया किया था. लेकिन सूची में कई ऐसे संगठन हैं जिनका कहना है कि वो हिंसा में विश्वास नहीं करते हैं.

https://img.inextlive.com/inext/srilanka_i_020414.jpg

श्रीलंका सरकार के अनुसार यह प्रतिबंध संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव संख्या 1373 के अंतर्गत लगाया गया है.

यह प्रस्ताव अमरीका में हुए 9 /11 हमले के तुरंत बाद पारित किया गया था. इस प्रस्ताव का मक़सद है अंतरराष्ट्रीय चरमपंथ से निपटना.

घोषणा पत्र

विश्लेषकों का कहना है कि जिन संगठनों पर प्रतिबंध लगाया गया है उनके घोषणापत्र एक दूसरे से अलग हैं.

कुछ का कहना है कि उनका उद्देश्य हिंसात्मक नहीं है, कुछ प्रबल इच्छाशक्ति के साथ काम कर रहे हैं तो कुछ  तमिल टाइगर्स की परंपरा के वाहक हैं.

ये समूह ब्रिटेन, कनाडा और नॉर्वे से संचालित हो रहे हैं. श्रीलंका की सेना के प्रवक्ता ने कहा कि देश इन समूहों से संघर्ष में उन देशों के सहयोग की अपेक्षा कर रहा है जहाँ से उन्हें संचालित किया जा रहा है.

प्रतिबंधित समूहों में से एक ग्लोबल तमिल फ़ोरम के सुरेन सुरेंद्रियम ने कहा, "यह प्रतिबंध दर्शाता है कि राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे श्रीलंका की जातीय समस्या को हल करने में रूचि नहीं रखते हैं और उनके पास राजनीतिक विचारों की कमी है.

International News inextlive from World News Desk