कोलंबो (एपी)। श्रीलंका में हटाए गए प्रधानमंत्री रणिल विक्रमसिंघे का कहना है कि उनके पास विश्वसनीय सबूत हैं, जो साबित करते हैं कि उनका बदलाव संसद में समर्थनों को खरीदने के लिए किया गया है। उन्होंने कहा कि यदि वे पद से नहीं हटाए जाते तो विपक्षी संसद में ज्यादा वोट नहीं हासिल कर पाते। विक्रमसिंघे ने शुक्रवार को एसोसिएटेड प्रेस को बताया कि महिंदा राजपक्षे के नेतृत्व में बनी नई सरकार के सदस्य संसद में बहुमत जुटाने के लिए सांसदों को पैसे ऑफर कर रहे हैं और उन्हें हर तरह से खरीदने की कोशिश की जा रही है।

विक्रमेसिंघे अभी भी वैध प्रधानमंत्री

बता दें कि 26 अक्टूबर को राष्ट्रपति मैत्रिपला सिरीसेना ने प्रधानमंत्री रणिल विक्रमसिंघे को उनके पद से बर्खास्त कर दिया था और उनकी जगह महिंदा राजपक्षे ने पिछले हफ्ते श्रीलंका के नए पीएम के रूप में शपथ ली थी, जिसके बाद देश में तनाव का माहौल पैदा हो गया। हालांकि तब से, विक्रमसिंघे ने प्रधानमंत्री के आधिकारिक निवास को नहीं छोड़ा है, वे जोर देकर यह कह रहे हैं कि वह अभी भी वैध प्रधानमंत्री हैं और संसद में उनके पास ज्यादा बहुमत है। राजपक्षे 2005 से 2015 तक श्रीलंका के राष्ट्रपति रहे हैं। इन्होंने 25 वर्षों से चल रहे गृहयुद्ध को समाप्त कर दिया था।

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