19 कैंडिडेट्स चुनाव मैदान में
खबरो के मुताबिक, देश में कड़ी सुरक्षा के बीच वोटिंग जारी है, हालांकि इसके लिये कुल 1076 मतदान केंद्र बनाये गये हैं. फिलहाल इस चुनावी रणभूमि में 19 कैंडिडेट्स मुकाबला कर रहे हैं. वहीं वर्तमान राष्ट्रपति राजपक्षे के लिये यह दौरा काफी मुश्किलों भरा है. पार्टी के अंदर बगावत और अपने शासन के लिये राजपक्षे को चारों तरफ आलोचनायें झेलनी पड़ीं. वहीं बंटे हुये विपक्ष पर आसान जीत की उम्मीद में 69 साल के राजपक्षे ने समय से पहले ही चुनाव कराने का डिसीजन ले लिया है. अब उनका यह डिसीजन कितना फायदेमंद साबित होगा, यह तो रिजल्ट ही बतायेगा. हालांकि महिंदा राजपक्षे को रिकॉर्ड तीसरी बार जीत की उम्मीद तो होगी.

अपनों ने दिया धोखा
आपको बताते चलें कि राजपक्षे ने 6 साल के तीसरे कार्यकाल की आस में निश्चित समय से दो साल पहले ही चुनाव कराने का फैसला किया था. हालांकि राजपक्षे को अपने सहयोगियों से काफी धोखे भी मिलें हैं. इस दिग्गज नेता की मुश्किलें उनके ही सहयोगी ने बढ़ा दी थीं. दरअसल एक पूर्व स्वास्थ्य मंत्री सिरिसेना ने चुनाव के ऐलान के एक दिन बाद ही राजपक्षे का साथ छोड़ दिया और इस मुकाबले में उनके खिलाफ उतर गये. इसके अलावा एक समय में राजपक्षे के बेहद करीब रहे मैत्रीपाला सिरिसेना आज विपक्ष के कैंडिडेट हैं.

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