इस प्रेस कॉफ्रेंस में उन्होंने स्पॉट फिक्िसंग के बारे में डिटेल में बताया. उन्होंने बताया कि किस तरह ये प्लेयर्स सटोरियों से मिलकर कोडवर्ड के जरिए फिक्िसंग करते थे.

3 मैचों में हुई फिक्िसंग

पुलिस ने इन तीनों प्लेयर्स से जो पूछताछ की है उसमें अभी तक तीन मैचों में स्पॉट फिक्िसंग की बात सामने आ रही है. जिसमें 15 मई को वानखेड़े में खेला गया राजस्थान और मुंबई के बीच खेला गया मैच, 5 मई को जयपुर में पुणे और राजस्थान के बीच खेला गया मैच और 9 मई को मोहाली में पंजाब और राजस्थान के बीच खेले गए मैच शामिल हैं.

ये 4 कोडवर्ड होते थे यूज

स्पॉट फिक्िसंग के लिए ये प्लेयर 4 कोडवर्ड का यूज करते थे. जिसमें लॉकेट घूमाना, तौलिया निकालना, घड़ी घूमाना और फील्ड सजाना शामिल थे. 1 ओवर में स्पॉट फिक्िसंग करने के लिए 60 लाख रुपए तक मिलते थे. एक मैच में श्रीसंत ने टॉवेल का इशारा कर ओवर फेंकना शुरू किया था. इस ओवर में 13 रन देने की बात हुई थी.

चंदीला इशारा करना भूले, लौटाए 20 लाख

ओवर शुरू करने से पहले इन बॉलर्स को स्पॉट फिक्िसंग के लिए सटोरियों को समय देना होता था. बॉलर कोडवर्ड को यूज कर पहले से तय रन देने के लिए इशारा करता था. एक मैच में चंदीला ओवर से पहले इशारा करना भूल गए. जिस वजह से उनके और सटोरियों के बीच पैसों को लेकर विवाद हो गया था. सटोरिये अपने पैसे वापस मांग रहे थे. जिसके बाद चंदीला ने उन्हें 20 लाख रुपए वापस दे दिए थे.

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