- कांफ्रेंस में देश के 15 राज्यों के माहिर चिकित्सकों ने फिजियोलॉजी पर विचार प्रकट किए

- हैंड ऑन ट्रेनिंग सेशन में चिकित्सकों को ब्लडप्रेशर मानीटरिंग व अन्य के बारे में दी गई ट्रेनिंग

<- कांफ्रेंस में देश के क्भ् राज्यों के माहिर चिकित्सकों ने फिजियोलॉजी पर विचार प्रकट किए

- हैंड ऑन ट्रेनिंग सेशन में चिकित्सकों को ब्लडप्रेशर मानीटरिंग व अन्य के बारे में दी गई ट्रेनिंग

BAREILLY:

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श्री राममूर्ति स्मारक इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल सांइसेज में मंडे को फिजियोलॉजी विभाग की तरफ से चार दिवसीय नेशनल कॉन्फ्रेंस एस्पीकॉन ख्0क्भ् की शुरुआत की गई। एस्पीकॉन में शरीर क्रिया विज्ञान से सम्बन्धित विषयों पर देश के क्भ् राज्यों से आये विशेषज्ञों और चिकित्सकों ने तमाम टॉपिक्स पर चर्चा करते हुए फिजियोलॉजी की नई तकनीकों के बारे में पेपर्स सबमिट किए।

थीसिस लिखने की दी जानकारी

कॉन्फ्रेंस के पहले दिन सीएमई के तहत पीजी स्टूडेंट्स को बीएचयू के डॉ। एसबी देश पाण्डे ने गुणवत्तापरक थीसिस लिखने की बारीकियों के बारे में बताया। वहीं हरियाणा के एसोसिएट प्रो। डॉ एसके झा ने स्टडी डिजाइन एंड सैंपल साइज डिटरमिनेशन और बायोस्टेटिक्स पर लेक्चर दिया। एम्स दिल्ली के डॉ। नलिन मेहता ने चिकित्सा अनुसंधान के क्षेत्र पर लेक्चर दिया। साथ ही, एसआरएमएस हॉस्पिटल के एसोसिएसट प्रो। और कॉन्फ्रेंस आर्गेनाइजिंग सेक्रेटरी डॉ बिन्दु गर्ग ने थीसिस में ग्रन्थ सूची एवं संदर्भ लेखन के बारे में विचार रखे।

हैंड ऑन ट्रेनिंग का प्रशिक्षण

थीसिस के बारे में जानकारी देने के बाद एम्स के प्रो। केके दीपक ने स्वायत्त और नाड़ी परीक्षण पर सेमिनार और वर्कशॉप का आयोजन किया। वर्कशॉप में करीब ब्0 चिकित्सकों ने पार्टीसिपेट किया। जिन्हें 'हैण्ड ऑन ट्रेनिंग' का प्रशिक्षण दिया गया। इसमें ब्लडप्रेशर मानीटरिंग, हृदय गति का निरंतर अवलोकन और स्वायत्त परीक्षण पर विशेषज्ञ चिकित्सकों द्वारा अपने विचार प्रस्तुत किये गये। साथ ही, स्वायत्त एवं नाड़ी परीक्षण विषय पर विशेष परिचर्चा की गई।