लगातार दूसरे दिन हड़ताल पर रहे डॉक्टर्स, निराश लौटे मरीज, ओपीडी पर लगा रहा ताला

PRAYAGRAJ: भईया डॉक्टर साहब हड़ताल पर हैं. सरकारी में नही मिलेंगे, शाम तक इंतजार करो फलाने हॉस्पिटल में मिल जाएंगे. इसके लिए तुम्हे फीस देनी पड़ेगी. नैनी से एसआरएन हॉस्पिटल में सांस संबंधी समस्या का इलाज कराने आए राजू सिंह को शनिवार को हॉस्पिटल के स्टाफ ने यही सलाह दी. हॉस्पिटल की ओपीडी में ताला देखकर उनके होश उड़ गए. पता चला कि जूनियर डॉक्टर हड़ताल पर हैं. जिसके चलते सभी कामकाज ठप हैं.

जुलूस निकालकर की नारेबाजी

पश्चिम बंगाल में डॉक्टर पर जानलेवा हमले के विरोध में शनिवार को भी एसआरएन हॉस्पिटल की ओपीडी ठप रही. इमरजेंसी सेवाएं छोड़कर सभी कामकाज बंद हेा गए थे. जूनियर डॉक्टर्स ने सुबह कैंपस में जुलूस निकालकर नारेबाजी की. उन्होंने हॉस्पिटल कैंपस में डॉक्टरों की सुरक्षा और बंगाल में डॉक्टर के हमलावरों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की भी मांग की.

इधर सन्नाटा, उधर भीड़

हड़ताल के चलते एसआरएन हॉस्पिटल की तमाम ओपीडी बंद कर दी गई थीं. जिससे दूर दराज से आए मरीजों को प्राइवेट हॉस्पिटल का रुख करना पड़ा. खासकर लाउदर रोड और पन्नालाल रोड स्थित कुछ हॉस्पिटल्स में मरीजों की भीड़ नजर आई. खागा, जौनपुर, सोरांव, रीवा आदि शहरों से आए मरीजों ने मोटी फीस चुकाकर प्राइवेट में दिखाने में ही अपनी भलाई समझी.

बंद हो गई दवा की दुकानें

ओपीडी बंद होने का असर दवा की दुकानों पर भी पड़ा. डॉक्टरों द्वारा दवा नहीं लिखे जाने से दुकानों पर सन्नाटा पसरा रहा. बता दें कि रोजाना ओपीडी में लगभग तीन हजार मरीज आते हैं और इनके जरिए लाखों रुपए की दवाएं खरीदी जाती हैं. इनके दम पर हॉस्पिटल कैंपस में दर्जनों दुकानों का व्यवसाय फलता फुलता है.

वार्डो में भी पसरा रहा सन्नाटा

जूनियर डॉक्टर्स ने वार्डो में भी कामकाज नही किया. कई वार्डो में रेजिडेंट्स के इंतजार मरीज और परिजन परेशान रहे. बातचीत में उन्होंने बताया कि सुबह से एक भी डॉक्टर नही आए हैं. कुछ वार्डो में जूनियर डॉक्टर्स मरीजों की जांच करते भी नजर आए. उनका कहना था कि जो मरीज पहले से भर्ती हैं केवल उनकी देखरेख की जाएगी. शनिवार को दोपहर तीन बजे तक आधा दर्जन मरीज इमरजेंसी वार्ड में भर्ती कराए गए थे.

पेशाब नही हो रही है. हॉस्पिटल में दिखाने आए थे. बताया गया कि हड़ताल है. जौनपुर से आए हैं और भीषण गर्मी में बार-बार आना जाना संभव नही है. इसलिए सोचा है कि प्राइवेट हॉस्पिटल में फीस देकर दिखा लिया जाए.

वासुदेव यादव, जौनपुर

कुछ दिन पहले पेट का आपरेशन हुआ है. इसके बाद घाव से पस आने लगा. सोचा कि आज डॉक्टर को दिखा लेकिन अचानक हड़ताल हो गई है. किसी तरह से विनती करने पर डॉक्टर साहब ने देखा है. अब आराम है. बताया गया था कि आज ओपीडी चलेगी.

मुश्ताक अहमद, खागा