-बेड पर लगाए गए गद्दे और नई चादर, मरीज बोले अब मिला सुकून

<-बेड पर लगाए गए गद्दे और नई चादर, मरीज बोले अब मिला सुकून

BAREILLYBAREILLY :

डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल के बेलगाम स्टाफ पर आखिरकार एडी एसआईसी डॉ। केएस गुप्ता की सख्ती रंग ले आई और सेप्टिक वार्ड की सूरत संवर गई। दैनिक जागरण आईनेक्स्ट टीम सैटरडे को पहुंची तो नजारा बदला हुआ था, फ्राइडे को जिस वार्ड से दुर्गध उठ रही थी, वहां फर्श चमचमा रही थी। बेड के फटे और गंदे गद्दे बदले जा चुके थे। चादरों की सफेदी बदलाव को उजागर कर रही थी।

क्9 अक्टूबर को पब्लिश हुई थी न्यूज

ज्ञात हो डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल के सेप्टिक वार्ड में दैनिक जागरण आईनेक्स्ट टीम ने रियलिटी चेक किया था। तो सेप्टिक वार्ड के बाहर ग्राउंड में ही एक मरीज औंधे मुहं पड़ा था। बरामदे में एंट्री की तो वहां पर भी एक के बाद एक दो महिलाएं जमीन पर पड़ी कराह रही थीं। जिसमें एक महिला के लगा यूरिन बैग भी फुल था। कोई उसे खाली तक नहीं करने वाला था। वार्ड के अंदर एंट्री की तो वहां गंदगी और दुर्गध के चलते रुकना दूभर था। किसी तरह मरीज तो वार्ड में लेटे हुए थे लेकिन उनके तीमारदार बाहर ग्राउंड में बैठे थे। न्यूज पब्लिश होने के बाद एडीएसआईसी ने स्टाफ की फटकार लगाई तो जमीन पर पड़े मरीजों को तो वार्ड में लिटा दिया गया, लेकिन उन्हें सेप्टिक वार्ड में फटे हुए गद्दे नसीब हुए थे। इस मामले में ख्0 अक्टूबर को फटे गद्दे की न्यूज पब्लिश हुई तो अफसरों की नींद खुली और ख्क् अक्टूबर को गद़्दे और चादरों को बदलवा ि1दया गया।

मरीज बोले थैंक्यू

मरीजों और उनके तीमारदारों ने बताया कि सैटरडे सुबह से ही वार्ड में सफाईकर्मी सक्रिय हो गए थे। बेड के फटे-पुराने गद्दे बदल दिए गए। सभी बेड पर चमचमातीं सफेद चादरें बिछा दी गई, तो पूरे वार्ड को रगड़-रगड़ कर धुल गया। फिनायल से धुलाई कर वार्ड को हाईजेनिक बनाया गया। नतीजा यह हुआ कि सुबह नौ बजते-बजते वार्ड से दुर्गध गायब हो गई। मरीजों ने सफाई व्यवस्था कायम कराने के लिए दैनिक जागरण आईनेक्स्ट को शुक्रिया बोला। कहा कि जिस वार्ड में सांस लेना मुश्किल था, वहां हम सुकून से हैं। शायद साफ-सफाई के चलते जल्दी ठीक हो जाएंगे।

हॉस्पिटल परिसर में गंदगी बिल्कुल स्वीकार्य नहीं है। सेप्टिक वार्ड में करीने से सफाई कराई गई। गद्दे और चादरें भी बदल गई हैं। अब इस पर आगे भी नजर रखी जाएगी। ताकि, दोबारा गंदगी न होने पाए।

डॉ। केएस गुप्ता, एडी एसआईसी