थानों में थी कमी

एसएसपी ऑफिस में बने डिपार्टमेंट में सैकड़ों पुलिसकर्मी ड्यूटी कर रहे थे। यहां रूटीन आठ घंटे की ड्यूटी लगती है। एक तरफ जहां थानों में पुलिसकर्मियों की कमी है, वहीं यहां चार-पांच पुलिसकर्मी की ड्यूटी लगाई जा रही है। सिटी की सिक्योरिटी के लिए जरूरी चीता, रक्षक, लैपर्ड व कोबरा में ड्यूटी लगाने के लिए पुलिसकर्मी ही नहीं मिलते थे।

 

नहीं दे सके जवाब

सावन व रमजान के वक्त इन सभी पुलिसकर्मियों की ही एक्स्ट्रा ड्यूटी ली गई थी। इसके बाद भी एसएसपी ऑफिस का काम प्रभावित नहीं हुआ। मंडे को एसएसपी ने एसपी सिटी से कम फोर्स पर डिस्कशन के बाद सभी सेल के पुलिसकर्मियों को ऑफिस बुला लिया। जब पुलिसकर्मियों से यह पूछा गया कि वे क्या काम करते हैं तो कोई भी उन्हें संतोषजनक उत्तर नहीं दे सका। इस पर एसएसपी ने यह डिसीजन लिया।

केवल नाम के cell

एसएसपी ऑफिस में कई सेल चल रही हैं। इन सेल में संगठित अपराध सेल, एंटी ऑब्सीन सेल, आंकिक शाखा, मानवाधिकार सेल, प्रधान लिपिक शाखा, एसपी क्राइम, एसपी रूरल व अन्य की पेशी जैसी सेल्स शामिल हैं। यहां तैनात लोगों के काम की जब चेकिंग की गई तो पता चला कि कई पुलिसकर्मी सिर्फ आराम ही फरमा रहे हैं।

Anti obscene cell काम की नहीं

एसएसपी ने एंटी ऑब्सीन सेल में तैनात चार पुलिसकर्मियों से जब पूछा कि उन्होंने अभी तक क्या काम किया है, तो एक लेडी कांस्टेबल ने बताया कि एक महीने में केवल एक एप्लीकेशन आई है। उसका नंबर सर्विलांस में भेजा है। इसके आगे की कार्रवाई की जा रही है। इतने दिनों में सिर्फ एप्लीकेशन सर्विलांस सेल तक ही पहुंची। इस पर उन्होंने इस सेल को महिला थाने में शिफ्ट करने का आदेश कर दिया।