-मथुरा से भाग आगरा थाने में ली शरण

-परिजन थाने के बाहर करते रहे इंतजार

-बाहर आते तो हो जाती ऑनर किलिंग

AGRA। कहते हैं कि पुलिस का खौफ ही बहुत होता है। प्रेमी जोड़े की मदद करने के लिए बेशक पुलिस ने मना कर दिया था। लेकिन प्रेमी जोड़े ने एसपी सिटी ऑफिस में छिपकर अपनी जान बचाई। इससे वैलेंटाइन डे पर ऑनर किलिंग होने से बच गई। दोनों के परिजन घंटो उनके बाहर निकलने का इंतजार कर वापस लौट गए। आखिर क्या था मामला जो पुलिस उनकी मदद करने से इंकार कर रही थी। पढि़ए आई नेक्स्ट की रिपोर्ट में

दस साल से था अफेयर

मथुरा मांट के गांव नगला राम रतन निवासी विश्वजीत पुत्र रमेशचंद सिकंदरा में शू फैक्ट्री में जॉब करता है। गांव की राधा पुत्री रमेश (नेम चेंज्ड) से उसका दस साल से अफेयर था। राधा की ख्008 में परिजनों ने अलीगढ़ में शादी कर दी। तीन साल पहले पति की एक्सीडेंट में मौत हो गई। राधा महज ख्ख् साल की उम्र में विधवा हो गई। उसके चार साल का बेटा भी है। वह अपने ससुराल में च्च्चे के साथ रहती थी।

ससुरालियों ने दे दी थी इजाजत

पति की मौत के बाद राधा अकेली हो गई। सास-ससुर और जेठ उसे बेटी की तरह मानते थे। उनसे भी राधा का दुख देखा गया। उनको राधा और विश्वजीत के प्यार की भनक लग गई। उन्होंने राधा को अपना घर बसाने का मौका दे दिया। लेकिन राधा के पिता तैयार नहीं थे। वे एक ही गांव होने के कारण इज्जत की दुहाई देने लगे।

भागकर पहुंचे थे सिकंदरा

विश्वजीत थर्सडे को राधा की ससुराल पहुंच गया। राधा उसके साथ घर से निकल आई। ससुरालियों ने भी उसकी मदद की। इसकी जानकारी लड़की के पिता को लगी। तो उन्होंने विश्वजीत के घर जाकर मारपीट कर दी। इसके बाद दोनों एक साथ तलाश करने के लिए निकले। विश्वजीत खुद को बचाने के लिए सिकंदरा थाने गया। पुलिस ने वहां से भगा दिया।

पुलिस के डर से लौट गए

दोनों के परिजन गाडि़यों में उनका पीछा कर रहे थे। दोनों ने बाइक हरीपर्वत थाने में घुसा दी। पुलिस के डर से उनके परिजन एमजी रोड पर दूर खड़े हो गए। हरीपर्वत पुलिस ने मथुरा का केस बताकर दोनों को भगा दिया। लेकिन दोनों एसपी सिटी ऑफिस ऊपर जाकर छिप गए। पुलिस के डर से दोनों के परिजन बाहर इंतजार कर शाम को लौट गए। प्रेमी जोड़े ने कोर्ट की शरण ली है।

'मेरे संज्ञान में मामला नहीं आया है। दोपहर तक लाइन ऑडर ड्यूटी पर था। ऐसा कोई मैटर होता, तो जरूर कार्रवाई की जाती.'

सुरेन्द्र सिंह, इंस्पेक्टर हरीपर्वत