-आईजी के आदेश पर एसएसपी ने की कार्रवाई

-मर्डर के मामले को सिर्फ दहेज उत्पीड़न में किया दर्ज

BAREILLY: कोर्ट के आदेश के बावजूद मर्डर के केस में धाराओं से खेल कर सिर्फ दहेज प्रताड़ना, गाली-गलौज और जान से मारने की धमकी में दर्ज करना महिला एसओ को महंगा पड़ गया। एसएसपी जोगेंद्र कुमार ने महिला एसओ सिमरजीत कौर को सस्पेंड कर दिया है। आईजी विजय प्रकाश ने शिकायत के बाद एसएसपी को महिला एसओ को सस्पेंड करने का आदेश दिया था। महिला एसओ वर्ष 2006 में निठारी कांड में भी बर्खास्त होने के साथ जेल जा चुकी हैं।

6 फरवरी को दर्ज हुआ केस

महिला थाना में कोर्ट के आदेश पर 6 फरवरी को गंगापुर मझौआ भोजीपुरा निवासी रामवती के प्रार्थना पत्र पर देवर रामबाबू और ससुर भगवान साद के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था। इसमें पुलिस ने आईपीसी की धारा 498 ए, 504 और 506 लगाई। जबकि प्रार्थना पत्र में लिखे आरोप मर्डर की ओर साफ इशारा कर रहे हैं। जब रामवती ने देखा कि कोर्ट के आदेश के बावजूद पुलिस ने खेल कर दिया है तो उन्होंने मामले की शिकायत आईजी विजय प्रकाश से की। आईजी ने तुरंत मामले में संज्ञान लेते हुए एसएसपी को महिला थाना एसओ को सस्पेंड करने का आदेश्ा दे दिया।

यह है पूरा मामला

रामवती का आरोप है कि उसके पति मुकेश दौरे की बीमारी से पीडि़त थे। उसके देवर रामबाबू और ससुर भगवानदास आए दिन बंटवारे को लेकर झगड़ा करते थे। आरोप है कि 23 अगस्त 2016 को झगड़े के दौरान दोनों ने मिलकर उसकी पिटाई की और रामबाबू ने पति के गुप्तांग पर लात मारी, जिससे उसके पति की मौके पर मौत हो गई। उस वक्त गांव वालों के सामने ससुर और देवर ने आश्वासन दिया कि वह उसकी और बच्चों की देखरेख करेंगे, लेकिन बाद में सभी उसे प्रताडि़त करने लगे और उसके बच्चों को भी छीन लिया। परेशान होकर उसने 2 अक्टूबर को भोजीपुरा थाना में शिकायत की लेकिन एफआईआर दर्ज नहीं हुई। उसने एसएसपी ऑफिस में भी शिकायत की लेकिन मुकदमा नहीं हुआ, जिसके बाद उसने कोर्ट में जाकर शिकायत की।

निठारी कांड की हैं दागी

महिला थाना एसओ को जब बरेली में चार्ज मिला था। तभी से सवाल खड़े हो रहे थे कि दागी एसआई को चार्ज कैसे दे दिया गया, लेकिन पुलिस अधिकारियों ने मामले को दबाकर कोई एक्शन नहीं लिया था। उसके बाद भी महिला एसओ की लगातार शिकायतें मिल रही थीं। इससे पहले सिमरजीत वर्ष 2006 में नोएडा के सेक्टर 20 स्थित निठारी चौकी की इंचार्ज थीं। उस वक्त आनंदी देवी गायब चल रही थीं। आनंदी देवी उस कोठी में काम करती थी, जहां पर निठारी कांड हुआ था। आनंदी देवी का पति चौकी इंचार्ज के पास शिकायत लेकर गया था, लेकिन गुमशुदगी दर्ज नहीं की गई थी। इसी केस में सिमरजीत को बर्खास्त किया गया था और सह आरोपी बनाकर जेल भी भेजा गया था।

महिला थाना एसओ ने एक केस में लापरवाही बरती है। मर्डर को सिर्फ दहेज प्रताड़ना में दर्ज किया। एसओ को सस्पेंड कर दिया गया है।

विजय प्रकाश, आईजी जोन बरेली