(आई ब्रेकिंग)

- मंडलीय हॉस्पिटल में एक सप्ताह से खराब पड़ी है आक्सीजन पाइप लाइन, ढूंढे़ नहीं मिल रहा है फाल्ट

- आक्सीजन पाइपलाइन लगाने वाली लखनऊ की कंपनी से भी नहीं हो पा रहा है कॉन्टैक्ट

- मंडलीय में सिलेंडर से हो रही है ऑक्सीजन की सप्लाई

lalit.pandey@inext.co.in

VARANASI:

बनारस, पूर्वाचल के विभिन्न जिलों सहित बिहार तक के मरीजों का इलाज करने वाले मंडलीय हॉस्पिटल कबीरचौरा की भी सांसें रूकी पड़ीं हैं। यहां एक सप्ताह से ऑक्सीजन पाइप लाइन खराब पड़ी है। आक्सीजन पाइप फिट करने वाली लखनऊ की कंपनी का भी कोई अता-पता नहीं चल पा रहा है। स्थानीय टेक्निशियंस को आक्सीजन पाइप लाइन में गड़बड़ी का फाल्ट ढूंढे़ नहीं मिल रहा। लिहाजा हॉस्पिटल के सभी वार्ड, ओटी और इमरजेंसी के पेशेंट्स को सिलेंडर से ऑक्सीजन की सप्लाई की जा रही है। हालांकि हॉस्पिटल के प्रमुख अधीक्षक डॉ। बीएन श्रीवास्तव का दावा है कि उनके यहां सब ठीक है। पाइप से सप्लाई हो रही है। लेकिन सूत्रों की माने तो पाइपलाइन से आक्सीजन की सप्लाई ठप होने की समस्या सप्ताह से बनी हुई है।

मेगा-मिनी के भरोसे मरीज

मंडलीय हॉस्पिटल के इमरजेंसी, ओटी सहित सभी वार्डो में पेशेंट्स को आक्सीजन सप्लाई के लिए सेंट्रल प्लांट बैठाया गया है। सभी जगह इसी प्लांट से पहले से फिट पाइप के जरिये सप्लाई होती है। मौजूद समय में वार्ड नंबर सात के आधे हिस्से में ऑक्सीजन पाइपलाइन की सप्लाई कुछ काम कर रही है जबकि अन्य वार्डो में बाधित है। इमरजेंसी और ओटी में सप्लाई टोटल ठप है। यहां मेगा सिलेंडर के जरिये पेशेंट को आक्सीजन दिया जा रहा है। जबकि अन्य वार्डो के लिए मिनी सिलेंडर का यूज हो रहा है।

खराबी आए तो कोई ठीक करने वाला भी नहीं

चौंकाने वाली बात ये है कि जिला अस्पताल हो या मंडलीय, आक्सीजन सप्लाई सिस्टम को ऑपरेट करने या मेंटेन करने के लिए कोई टेक्निशियन नियुक्त नहीं है। यही वजह है कि मंडलीय हॉस्पिटल में खराब पाइप लाइन की गड़बड़ी दूर नहीं हो पा रही है। टेक्निशियन न होने से सभी सरकारी हॉस्पिटल में इस बात का खतरा बना रहा है कि यदि अचानक पाइपलाइन से सप्लाई ठप हो जाए तो किसी किसी की जान न चली जाए।

कंपनी का भी पता नहीं

इस हॉस्पिटल में आक्सीजन पाइपलाइन सिस्टम लखनऊ की एक कंपनी ने कुछ वर्ष पहले लगाया था। अब इस कंपनी का कुछ पता नहीं चल पा रहा। पुराने कॉन्टैक्ट नम्बर्स काम नहीं कर रहे हैं। सूत्रों का कहना है कि हॉस्पिटल मैनेजमेंट इसी बात से ज्यादा परेशान है। अब लखनऊ में कंपनी के एड्रेस पर फिजिकली कॉन्टैक्ट की कोशिश हो रही है ताकि खराब पाइपलाइन को जल्द से जल्द दुरूस्त कराया जा सके।

यहां का सिस्टम खुद है बीमार

मंडलीय हॉस्पिटल ही नहीं बल्कि पं। दीनदयाल उपाध्याय जिला हॉस्पिटल और राजकीय महिला हॉस्पिटल कबीरचौरा की भी कंडीशन बेहद नाजुक है। हॉस्पिटल्स में उपकरण की देखरेख के लिए ना ही टेक्नीशियन की तैनाती है ना ही कोई पोस्ट। यहां इलेक्ट्रिशियन तक का पोस्ट नहीं, आटो क्रेफ का कोई अरेंजमेंट नहीं। फायर फाइटिंग सिस्टम भी बीमार है। ऐसे में पेशेंट और तीमारदार कब खतरे में आ जाएं, कुछ कहा नहीं जा सकता। जब भी आक्सीजन पाइपलाइन में गड़बड़ी होती है उसे दूर करने के लिए लखनऊ से ही टेक्नीशियन बुलाना पड़ता है। रात में बिजली गुल हो गई तो उसके लिए इलेक्ट्रीशियन भी बाहर से ढूंढ़ने पड़ते है। फायर सिस्टम अब तक नहीं सुधर सका है।

कहां क्या है व्यवस्थाएं

-बीएचयू को छोड़ दिया जाए तो बाकि किसी गवर्नमेंट हॉस्पिटल्स में नहीं है ऑक्सीजन सप्लाई का प्रोडक्शन प्लांट।

-मंडलीय, जिला हॉस्पिटल और वीमेंस हॉस्पिटल में सिलेंडर आक्सीजन की पाइप सप्लाई से चलती है व्यवस्था।

-गवर्नमेंट हॉस्पिटल्स में अक्सर ही ऑक्सीजन पाइप लाइन सप्लाई में हो जाती है गड़बडि़यां।

-मंडलीय और जिला हॉस्पिटल में अब तक नहीं बन सका है आईसीयू वार्ड

- सिर्फ राजकीय महिला हॉस्पिटल कबीरचौरा में ही है एनआईसीयू की व्यवस्था।

- जिला हॉस्पिटल और ट्रामा सेंटर में भी सिलेंडर से होती है आक्सीजन सप्लाई।

मंडलीय हॉस्पिटल पर एक नजर

(फीगर स्पीक)

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बेड का है मंडलीय हॉस्पिटल

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पेशेंट वार्ड है

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ऑपरेशन थिएटर भी हैं

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औसतन मरीज आते हैं ओपीडी में

हमारे यहां फिलहाल सिलेंडर से ऑक्सीजन की सप्लाई हो रही है। किसी पेशेंट को कोई समस्या नहीं है। भुल्लनपुर स्थित एक प्लांट से आक्सीजन की सप्लाई होती है। जिसका कोई बकाया भी नहीं है।

-डॉ। बीएन श्रीवास्तव, प्रमुख अधीक्षक,

मंडलीय हॉस्पिटल कबीरचौरा