- संस्कृत यूनिवर्सिटी के 36वें कन्वोकेशन 33 टॉपर्स को मिला 56 ‌र्स्वण, रजत व कांस्य पदक

-कन्वोकेशन की अध्यक्षता कर रहे गवर्नर ने स्टूडेंट्स को कड़ी मेहनत की सीख

स्टूडेंट्स को कड़ी मेहनत करने की जरूरत है। असफलता से घबराएं नहीं बल्कि आत्ममूल्यांकन कर कमियों को दूर करने का प्रयास करें। ऐसा करने से ही सफलता आपके कदम चूमेंगी। यह बातें गर्वनर व कुलाधिपति राम नाइक ने शुक्रवार को संपूर्णानंद संस्कृत यूनिवर्सिटी के 33वें कन्वोकेशन की अध्यक्षता करते हुए कहीं। उन्होंने उपाधि हासिल करने वाले विद्यार्थियों से कहा कि विद्या का कभी भी अंत नहीं होता है। अब आप दूसरे पड़ाव की ओर बढ़ेंगे जहां नई जिम्मेदारी होगी। यह प्रशंसा करने वाली बात है कि सूबे में बेटियां अब हर क्षेत्र में आगे बढ़ रहीं हैं और पढ़ रही है। इस दौरान कुलाधिपति ने 33 टॉपर्स को 56 स्वर्ण, रजत व कांस्य पदक प्रदान किया। वहीं पद्मश्री डॉ। भागीरथ प्रसाद त्रिपाठी 'वागीश शास्त्री' को वाचस्पति (डीलिट) की मानद उपाधि प्रदान की। इसके अलावा समारोह में 24696 को शास्त्री, आचार्य, पीएचडी सहित अन्य पाठ्यक्रमों की उपाधि व सर्टिफिकेट प्रदान करने की घोषणा की गई।

दुनिया को करें जगमग

इस दौरान गर्वनर ने अपनी किताब 'चैरवति-चैरवति' का उल्लेख करते हुए कहा कि जो बैठा रहता है उसका भाग्य भी बैठ जाता है। जो सोया रहता था उसका भाग्य भी सोया रहता है। जो खड़ा रहता है उसका भाग्य भी खड़ा रहता है। वहीं जो चलता रहता है उसका भाग्य भी सदैव चलता रहता है। उन्होंने विद्यार्थियों को सूर्य की भांति दुनिया को शिक्षा का प्रकाश देने को कहा। इस मौके पर उन्होंने बीएचयू की स्थापना करने वाले पं। महामना मदन मोहन मालवीय, काशी विद्यापीठ के लिए राष्ट्ररत्न बाबू शिव प्रसाद गुप्त व संस्कृत विवि के लिए डॉ। संपूर्णानंद के योगदान का बखान किया।

समाज हित में हो शिक्षा का उपयोग

कन्वोकेशन की चीफ गेस्ट कविकुल गुरु कालीदास संस्कृत विश्वविद्यालय (नागपुर) की पूर्व कुलपति व यूजीसी की सदस्य प्रो। उमा चंद्रशेखर वैद्य ने कहा कि विद्या केवल उपजीविका (नौकरी) के लिए नहीं अपितु समाज की रक्षा के लिए भी होती है। उन्होंने स्टूडेंट्स से कहा कि विश्वविद्यालय आपको न केवल जीविका का साधन देती है अपितु आपको संस्कारित करने के साथ भारतीयत्व से भी भरती है। ऐसे में शिक्षा का उपयोग समाज हित में करने की आवश्यकता है। स्वागत कुलपति प्रो। राजाराम शुक्ल, संचालन डॉ। हरिप्रसाद अधिकारी व थैंक्स कुलसचिव राज बहादुर ने दिया। समारोह में विधायक सुरेंद्र नारायण सिंह, एमएलसी चेत नारायण सिंह, एमएससी लक्ष्मण आचार्य, पूर्व विधायक श्याम देव राय चौधरी, विद्यापीठ के कुलपति प्रो। टीएन सिंह, जयनायक चंद्रशेखर विवि, बलिया के कुलपति प्रो। योगेंद्र सिंह, पूर्व कुलपति प्रो। यदुनाथ दुबे, अपर मुख्य सचिव हेमंत राव आदि रहे।