- एसोसिएशन के प्रदेश सचिव एसएसपी के सामने लेकर गए मामला

- स्टेडियम स्टाफ आरएसओ को बचाने में जुटा

- एडमिनिस्ट्रेशन की ओर से अभी तक कोई कार्रवाई नहीं

Meerut : कैलाश स्पो‌र्ट्स स्टेडियम में आर्चरी टारगेट जलने और आरएसओ द्वारा प्लेयर्स को गालियां देने के मामले को दबाने का पूरा प्रयास किया जा रहा है। एडमिनिस्ट्रेशन और डायरेक्ट्रेट ऑफ स्पो‌र्ट्स के द्वारा कोई कार्रवाई नहीं हुई है। बुधवार से शुक्रवार तक स्टेडियम की ओर से इस पूरे घटनाक्रम पर एक एफआईआर तक दर्ज नहीं कराई गई है। वहीं यूपी आर्चरी एसोसिएशन की ओर से पुलिस को लिखित शिकायत दी गई है। उस पर भी कोई कार्रवाई होगी, इस पर एक बड़ा सवालिया निशान है।

एसोसिएशन ने की लिखित शिकायत

शुक्रवार को यूपी आर्चरी एसोसिएशन के सचिव की ओर करीब ब्0 हजार रुपए के आर्चरी टारगेट जलने की लिखित शिकायत संबंधित थाने में और उसकी एक कॉपी एसएसपी को दी है। सचिव अजय गुप्ता की मानें तो शिकायत तो की है, लेकिन कार्रवाई होती है या नहीं ये देखने वाली बात होगी। अजय गुप्ता का कहना है कि हम इस मामले को बिल्कुल भी ढीला छोड़ने को तैयार नहीं है। उन्होंने कहा आज टारगेट जलाए गए हैं। कल कुछ ओर भी हो सकता है। हमने इस बात की लिखित शिकायत डायरेक्ट्रेट ऑफ स्पो‌र्ट्स को भी की है।

आरएसओ को बचाने का प्रयास

वहीं कैलाश स्पो‌र्ट्स स्टेडियम के इस प्रकरण को पूरी तरह से दबाने का प्रयास किया जा रहा है। फिर चाहे वो स्टेडियम का स्टाफ हो या फिर एडमिनिस्ट्रेशन के अधिकारी। इस पूरे प्रकरण के बारे में मंडल कमिश्नर को भी इस बारे में पूरी जानकारी है। लेकिन एडमिनिस्ट्रेशन की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की गई है। ताज्जुब की बात तो ये है कि ये वो ही अधिकारी हैं जो स्टेडियम को अपनी सुविधा अनुसार खुलवाकर अपनी मर्जी का गेम खेलते हैं।

सभी अधिकारियों से घिरा है स्टेडियम

स्टेडियम में आर्चरी टारगेट जलने के प्रकरण की जांच तो पहले ही दिन से शुरू हो जानी चाहिए थी। स्टेडियम के बिल्कुल सामने ऐसे दो अधिकारियों के आवास हैं जो तुरंत इस मामले में जांच बिठा सकते हैं। एसपी सिटी और सीडीओ के आवासों के सामने हुई इस घटना को पूरी तरह से नजरअंदाज किया जा रहा है। स्टेडियम के पीछे एडीएम ई का आवास है। अगर थोड़ी और चलें तो मात्र क्00 मीटर की दूरी मंडल कमिश्नर का ऑफिस है। वहीं क्00 मीटर पर थाना भी है, लेकिन न तो कमिश्नर और न ही सिविल लाइन थाने का कोई ऑफिशियल मौके पर देखने गया। वहीं डायरेक्ट्रेट ऑफ स्पो‌र्ट्स भी इस मामले को नजरअंदाज करने में जुट गया है।

टारगेट जलने के बाद मिली थी गालियां

बुधवार तड़के जब आर्चरी के प्लेयर्स स्टेडियम प्रैक्टिस को पहुंचे तो वहां पर चार आर्चरी टारगेट जले हुए मिले। इस बात की शिकायत आरएसओ से की तो उन्होंने बच्चों को गालियां देकर बाहर निकाल दिया। जानकारी मिली थी ये सभी टारगेट आरएसओ के द्वारा ही नशे की हालत में जलाए हैं, लेकिन कोई भी खुलकर बोलने को तैयार नहीं है। अगर इस मामले को दबा दिया जाता है तो उन तमाम आर्चरी प्लेयर्स का मनोबल टूट जाएगा जो स्टेट और नेशनल लेवल पर गोल्ड मेडल जीतकर अपने प्रदेश और स्टेडियम का नाम रोशन किया है।

मरहम लगाने की कोशिश

आर्चरी खिलाडि़यों को मिले घाव को भरने के लिए डिस्ट्रिक्ट एडमिनिस्ट्रेशन की ओर से खेल प्रोत्साहन राशि से मरहम लगाने की कोशिश की जा रही है। डीएम ने इस पूरे प्रकरण पर आरएसओ से रिपोर्ट मांगी। साथ ही खेल प्रोत्साहन राशि से नए टारगेट लगाने के लिए आदेश कर दिए हैं। डीएम की मानें तो बच्चों को पूरा इंसाफ दिया जाएगा। अगर उनके साथ अभद्रता हुई है तो बिना किसी डर के मुझे बताएं। मैं उस पर कड़ा एक्शन लूंगा।

ऑफिशियल स्टैंड

मैंने इस पूरे प्रकरण पर आरएसओ से रिपोर्ट मांगी ली है। जो भी बच्चों का नुकसान हुआ है और जो जला है उसे खेल प्रोत्साहन राशि से पूरा किया जाएगा। वहीं इस पूरे मसले पर जांच बिठाई जाएगी।

- पंकज यादव, डीएम

मैंने अपनी ओर से पुलिस को लिखित शिकायत दी है। साथ उसकी एक कॉपी एसएसपी और डायरेक्ट्रेट ऑफ स्पो‌र्ट्स को भेजी है। इस पूरे प्रकरण की जांच कराई जाएगी।

- अजय गुप्ता, सचिव, यूपी आर्चरी एसोसिएशन

मामला मेरे संज्ञान में आया है। मैंने जांच के लिए शिकायत को सिविल लाइन थाने में भेज दी है। जैसे ही कुछ सामने आएगा, पूरी इनफोर्मेशन दी जाएगी।

- ओंकार सिंह, एसएसपी, मेरठ