- रोडवेज बस डिपो से कर्मचारी रहते हैं नदारद, भटकना पड़ता है पैसेंजर्स को

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KANPUR। अभी हाल ही में विकास नगर डिपो में छापा मारकर 7ब् ऐसे कर्मचारियों को पकड़ा गया। जो ड्यूटी के समय भी गैर हाजिर थे। वहीं ब्0 ऐसे बसें भी थीं। जो रूट पर निकली ही नहीं थीं। जिससे पैसेंजर्स को होली के त्योहार में कितनी दिक्कतों का सामना करना पड़ा होगा। ये आप सोच सकते हैं। सिटी के पैसेंजर्स को चाहे जितनी भी प्रॉब्लम हो लेकिन इन्हें तो बस अपने आराम से काम है। जब रोडवेज विभाग के कर्मचारियों की इस आराम तलबी के नजारे देखने आई नेक्स्ट टीम निकली तो दंग रह गई। रोडवेज कर्मचारियों के लिए सब आराम की बात है।

अपना टिकट खुद ही बुक कर लें

आई नेक्स्ट रिपोर्टर दोपहर क् बजे चुन्नीगंज बस अड्डे पर पहुंचा। यहां का नजारा देखकर हैरत में पड़ गया। एक समय था जब ये बस अड्डा खचाखच भरा रहता था। पर आज स्थिति बिल्कुल अलग है। रिपोर्टर सीधे बस अड्डे के टिकट काउंटर पर पहुंचा तो देखा कि काउंटर पर कोई बैठा ही नहीं था। फिर वहीं सामने पड़ी बेंच पर बैठ गया। करीब आधा घंटे तक रिपोर्टर वहां बैठा रहा लेकिन कोई भी कर्मचारी टिकट काउंटर पर नहीं आया। इस बीच दो पैसेंजर्स जरूर आए। जो रिपोर्टर के साथ बेंच पर बैठ टिकट काउंटर पर किसी के आने का इंतजार करते रहे।

कमरा खुला पर लोग थे गायब

फिर रिपोर्टर वहां से उठकर बगल में बने लिपिक रूम में गया। ताकि वहां से कुछ जानकारी मिल सके। वहां पहुंचकर भी रिपोर्टर को सन्नाटा ही दिखा। रूम में सिर्फ म्-7 कुर्सियां पड़ी हुई थीं। एक मेज थी। जिसमें रजिस्टर व फाइलें रखी थीं। पर कर्मचारी एक भी नहीं दिख रहा था। रिपोर्टर ने बगल से गुजर रहे एक कर्मचारी से पूछा कि भाई सब कहां हैं। तो वो बोला कि पान खाने गए होंगे। इस रिपोर्टर ने कहा कि टिकट काउंटर पर तो आधे घंटे से कोई नहीं है। जिस पर वो आदमी बोला कि काम क्या है ये बताओ।

जब पैसेंजर आएंगे तब जाएंगे

फिर रिपोर्टर वापस टिकट काउंटर के पास ही आ गया। वहां बैठे कुछ कर्मचारियों से पूछा कि बरेली की बस कहां से मिलेगी। इस पर वो कर्मचारी बोला कि भाई बस क्.फ्0 बजे की है लेकिन फिलहाल अभी ड्राइवर नहीं है। जब आएगा तभी बस रवाना होगी। घड़ी में क्.ब्0 बज रहा था। फिर रिपोर्टर बोला कि भाई कोई टाइम निश्चित नहीं है क्या। तो वो कर्मचारी बोला कि पैसेंजर भी तो नहीं हैं। जब आएंगे तब बस जाएगी।

कर्मचारी रूम में लगी थी कुंडी

रिपोर्टर दोपहर ख् बजे रावतपुर बस अड्डे पर पहुंचा। यहां हालात तो और भी खराब थे। कर्मचारियों के रूम में दरवाजा बंद था और बाहर से कुंडी लगी हुई थी। बस अड्डे पर कोई जानकारी देने वाला नहीं था। बस अड्डे के अंदर कई पैसेंजर्स ऐसे मिले जो बस की जानकारी लेने के लिए भटक रहे थे।

ड्राइवर व कंडक्टर्स भी कर रहे थे आराम

रिपोर्टर थोड़ा आगे बढ़ा। उसने देखा कि फ्-ब् बसें खड़ी हुई हैं। जिनमें से एक बस के अंदर चार लोग बैठे हुए थे। रिपोर्टर वहां गया और उनसे पूछा कि भाई बस के ड्राइवर कहां है। कन्नौज जाना है। तो वहां बैठे लोगों में एक बोला कि भाई मैं ही हूं। पर बस अभी नहीं जाएगी। रिपोर्टर ने पूछा कि क्यों। तो वो बोला कि भाई इतनी जल्दी है तो रावतपुर रेलवे स्टेशन के सामने से बैठ लो। वहां हर थोड़ी देर में बस मिल जाती है। इस पर रिपोर्टर बोला कि भाई बस तो बस अड्डे से ही चलती हैं। तो वो बोला कि अभी आराम कर रहे हैं।

पीपल के पेड़ के नीचे है आसरा

रावतपुर बस अड्डे के ठीक बीच में एक पीपल के पेड़ के नीचे बने चबूतरे में कई पैसेंजर्स बैठे थे। दरअसल इस बस अड्डे पर ये चबूतरा ही बैठने का सबसे बड़ा आसरा है। बस अड्डे पर बने पेयजल की व्यवस्था बन्द पड़ी है। सिर्फ नल ही हैं। उन नलों से पानी नहीं आ रहा है। पैसेंजर्स को बाहर की दुकानों से पानी खरीद कर ही पीना पड़ता है। वहीं बस अड्डे के दूसरे गेट के ठीक सामने वाहन स्टैण्ड बना हुआ है। जिसकी वजह से बसों को आने-जाने में भी दिक्कत होती है।

बस अड्डे पर तो आराम करने आते हैं

रावतपुर बस अड्डे के अंदर सिर्फ आराम करने के लिए बसें आती हैं। दरअसल रावतपुर रेलवे स्टेशन से सबसे ज्यादा पैसेंजर्स मिलते हैं। बस चालक अपनी बसें वहीं खड़ी करते हैं। जैसे ही वहां बस पहुंचती है। पैसेंजर मिल जाते हैं। जबकि बस अड्डे पर सिर्फ ड्राइवर व कंडक्टर आराम करने आते हैं।

बस अड्डे पर चारो ओर फैली गन्दगी

चुन्नीगंज बस अड्डे की हालत बहुत खराब है। बस अड्डे पर चारो ओर गन्दगी फैली हुई है। वर्कशॉप व कर्मचारी ऑफिस के पास कूड़े का ढेर लगा हुआ है। बदबू की वजह से पैसेंजर्स को नाक पर रूमाल रखकर आना पड़ता है।

ख्ब् घंटे बहता रहता है पानी

चुन्नीगंज बस अड्डे पर रखी पानी की टंकी से ख्ब् घंटे पानी बहता रहता है। पिछले एक माह से टंकी टूटी हुई है। जिसकी वजह से पानी की बर्बादी होती है। रोज सैकड़ो लीटर पानी बर्बाद होता है।

डिस्प्ले बोर्ड है खराब

चुन्नीगंज बस अड्डे पर पैसेंजर्स को बस की जानकारी आसानी से मिल सके इसलिए डिस्प्ले बोर्ड लगाए गए थे लेकिन आज की तारीख में डिस्प्ले बोर्ड सिर्फ शो पीस बनकर रह गए हैं।