आईआईआईटी प्रशासन घटना के सात दिन बाद शैक्षिक दस्तावेज लौटाने को हुआ राजी

कुल 10 शैक्षिक दस्तावेज जमा होने की दी गई है परमात्मा के भाई को जानकारी

ALLAHABAD: अब न तो कोई नो ड्यूज के प्रॉसेस की जरूरत है और न ही किसी और कारणों से लालच की। भारतीय सूचना एवं प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईआईटी) इलाहाबाद एडमिनिस्ट्रेशन पूर्व प्रोजेक्ट स्टॉफ परमात्मा यादव के परिजनों को मार्कशीट सहित उसके अन्य शैक्षिक दस्तावेज लौटाने के लिये राजी हो गया है। वह भी परमात्मा की मौत के बाद महज सात दिनो के भीतर। काश,, यह तेजी परमात्मा की मौत के पहले दिखाई होती तो वह लाइव होता।

भाई ही नहीं रहा तो क्या करेंगे

सोमवार को ट्रिपलआईटी एडमिनिस्ट्रेशन के एक डिप्टी रजिस्ट्रार ने दोपहर बाद परमात्मा यादव के भाई अवनीश यादव के मोबाइल नम्बर पर कॉल की और कहा कि वे परमात्मा के शैक्षिक दस्तावेज वापस ले जा सकते हैं। इस पर अवनीश ने संबंधित अधिकारी को टका सा जवाब देते हुये कहा कि वे परमात्मा के शैक्षिक दस्तावेज प्रोफेसर अनुपम अग्रवाल को दे दें। उनका कहना था कि जब भाई ही अब इस दुनिया में नहीं रहा तो अब वे मार्कशीट का क्या करेंगे? अवनीश का जवाब सुनने के बाद फोन थामे अधिकारी को कुछ समझ नहीं आया और वे केवल इतना कह पाये कि जो भी हुआ वह गलत हुआ है। अवनीश ने दैनिक जागरण आई नेक्स्ट से फोन पर हुई बातचीत में बताया कि उन्हें बताया गया कि परमात्मा के कुल 10 दस्तावेज संस्थान में जमा हैं। अवनीश को अधिकारी ने बताया कि फैक्ट फाइंडिंग कमेटी के चेयरमैन उनसे मिलना चाहते हैं।

जमा दस्तावेज

अंकपत्र हाईस्कूल

सर्टिफिकेट हाई स्कूल

अंकपत्र इंटरमीडिएट

सर्टिफिकेट-मार्कशीट इंटरमीडिएट

सर्टिफिकेट-मार्कशीट बीएससी

मार्कशीट एमसीए

मार्कशीट एमटेक

संस्थान के पास नहीं था नम्बर

अवनीश ने अधिकारी से कहा कि वह 31 अगस्त की रात्रि से इलाहाबाद में थे और तीन सितम्बर को गोरखपुर लौट आये। इस दौरान उनसे किसी ने मिलने की जरूरत नहीं समझी। इस पर डिप्टी रजिस्ट्रार का कहना था कि उन लोगों के पास उनका नम्बर नहीं था। उनकी इस बात पर अवनीश ने कहा कि पुलिस के पास नम्बर है। कई सारे मीडियाकर्मियों ने भी उनसे सम्पर्क कर लिया। लेकिन, संस्थान के पास परिजनो का नम्बर ही नहीं है। मालूम हो कि परमात्मा यादव ने 28 अगस्त की सुबह फांसी लगाकर जान दे दी थी। इस घटना के बाद प्रो। अनुपम पर प्रताड़ना का आरोप लग रहा है। इस मामले में पुलिस और संस्थान द्वारा जांच भी करवाई जा रही है।

भाई का दसवां 06 को और तेरहवीं 12 सितंबर को है। हम लोग इसी सिलसिले में गोरखपुर लौट आये हैं। मैने शैक्षिक दस्तावेज लेने से मना कर दिया है। अब ये हमारे किस काम का है।

अवनीश यादव,

परमात्मा के भाई

पब्लिक रिएक्शन

आज हमारे समाज में उच्च शिक्षा वाले लोग बहुत कम हैं। अगर इस तरह ये सब चलता रहेगा तो हमारे समाज पर बुरा असर पड़ेगा। हमें इस बात पर विचार करना चाहिये।

उदय प्रताप सिंह, सलोरी

मैं तो यही कहूंगा कि परमात्मा जी को आत्महत्या नहीं करनी चाहिये पर कहीं न कहीं उस बन्दे को मजबूर किया गया है। कोई इंसान खुशी से ऐसा काम नहीं करता। बस अब जांच सही होनी चाहिये।

कृष्ण कमल सिंह

एक गुरू की तो सोच होती है कि उनका छात्र उनसे भी आगे जाये। परंतु एक गुरु ही जब शिष्य की सफलता में बाधक बन जाये तो इससे बड़ा दुर्भाग्य और कुछ नहीं हो सकता।

हर्षिता मौर्या, स्टूडेंट इविवि

ये एक दु:खद घटना है। मैं इससे शाक्ड हूं। समाज में इस तरह के इंसिडेंट से गलत मैसेज जाता है। एक आईआईआईटी होने के नाते संस्थान को इसपर हार्ड स्टेप लेना चाहिये।

अखिलेश, छात्र