देवरिया कांड

-भर्ती लेने से किया इनकार, दवा लेकर भेजा वापस

-कुशीनगर सीएमओ के निर्देश पर बुजुर्गो की हुई थी मेडिकल जांच, डॉक्टरों ने किया था रेफर

GORAKHPUR: मां विंध्यवासिनी वृद्धाश्रम से इलाज कराने बीआरडी मेडिकल कॉलेज पहुंची 22 बुजुर्गो को अस्पताल प्रबंधन ने भर्ती करने से इनकार कर दिया। प्रशासन ने बुजुर्गो को कोई बीमारी न होने की बात कहते हुए केवल दवा देकर वापस भेज दिया। आरोप है कि मरीजों से ठीक से व्यवहार भी नहीं किया गया। महिलाओं को गुरुवार को कुशीनगर जिले में राजकीय वृद्धाश्रम में लाया गया था।

घंटों कराया इंतजार

कुशीनगर जिले के कसया समाज कल्याण वृद्धाश्रम के प्रबंधक दिनेश मिश्रा एंबुलेंस से बीमार बुजुर्गो को लेकर बीआरडी मेडिकल कॉलेज पहुंचे। दिनेश के मुताबिक, निदेशक समाज कल्याण उत्तर प्रदेश के निर्देश पर बुजुर्गो को कुशीनगर फौरी तौर पर भेज दिया गया था। इनकी स्वास्थ्य जांच के लिए कुशीनगर सीएमओ के निर्देश पर गठित पांच डॉक्टर्स की स्पेशल टीम लगाई गई थी। जांच में एक बुजुर्ग की हालत बेहद खराब है। जबकि, 28 में से 21 महिलाओं की स्थिति नाजुक है। इन सबकी मानसिक हालत भी खराब है। आरोप लगाया कि मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने दस्तावेज तैयार न होने का हवाला देकर ट्रामा सेंटर के बाहर घंटों इंतजार कराया। फिर सिर्फ दवा देकर कुशीनगर वापस भेज दिया गया।

उनके साथ हुआ बुरा व्यवहार

आश्रम प्रबंधक दिनेश ने बताया कि एक महिला मानसिक रोगी है। उसका एक्स-रे कराया गया। इस बीच उसने नेचुरल कॉल कर दिया। इसके बाद अस्पताल प्रशासन ने एक्स-रे रोक दिया। साथ ही गंदगी की सफाई न कराने तक इलाज रोक देने की बात कही। फिर सफाई कर्मी को दो सौ रुपये देकर सफाई कराई गई, तब जाकर जांच दोबारा श्ाुरू हुई।

बुजुर्ग कोई बीमार नहीं

बीआरडी मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ। गणेश कुमार ने कहा कि डॉक्टर्स ने जांच की। उन्हें मरीज ठीक लगे होंगे। इसलिए भर्ती नहीं किया। इन्हें जिला अस्पताल ले जाना चाहिए था। वहीं, सीएमएस नेहरू चिकित्सालय डॉ। आरएस शुक्ला ने कहा कि मानसिक रोग विभाग में इतने बेड नहीं है कि सभी मरीजों को भर्ती किया जा सके। ऐसे में उन्हें दवा देकर वापस भेज दिया गया।