मीठापुर बस स्टैंड है रंगदारी का अड्डा
पॉलिटिकल बैकग्राउंड वालों की चलती है यहां

मीठापुर बस स्टैंड में गुण्डों और रंगदारों का राज है। मारपीट, छिनतई और लूट के सैकड़ों केस थाने में दर्ज हैं। यहां एजेंटों और बस ड्राइवर्स की चलती है। खासकर दबंग बस मालिकों के ड्राइवर और खलासी तो इतने रौब में रहते हैं कि वे किसी की सुनते ही नहीं। मंटू ट्रैवेल्स के मालिक कुंदन सिंह और श्री कृष्ण रथ के मालिक रविकांत चौधरी की दबंगता के कारण कई बार यहां मारपीट हुई। इसी का नतीजा है कि दो-दो लाशें चार महीने के अंदर गिर चुकी हैं। रविकांत चौधरी की भी हत्या उसके आफिस में घुसकर गोली मारकर कर दी गयी। अक्यूज कुंदन सिंह और उसके रिश्तेदारों को पुलिस तलाश रही है। इन सब पर कई मामलें दर्ज हैं.
एजेंटों का खेल
मीठापुर बस स्टैंड की खराब हालत के लिए वहां के एजेंट काफी हद तक जिम्मेदार हैं। शायद ही कोई एजेंट हो जो पाक-साफ हो। उस पर मामले दर्ज ना हों। एजेंटी को लेकर ही कई बार मारपीट और फायरिंग होती है। हालत यह है कि बस को चलने के लिए ही रुपए देने पड़ते हैं। सब को सब पता है, लेकिन इसे दूर करने का प्रयास कभी नहीं किया गया। रंगदारों की चलती है। जो जितना दबंग उसकी उतनी ही चलती। पिछले कुछ सालों से कुंदन सिंह और रविकांत चौधरी की अदावत किसी से छिपी नहीं। एक नहीं कई बार मारपीट हो चुकी है। कुंदन और रविकांत दोनों ही एजेंटी के धंधे से यहां तक पहुंचे थे।
पब्लिक को परेशानी
एजेंटों और स्टाफ की चलती का खामियाजा पब्लिक को भुगतना पड़ता है। इन्हीं लोगों के कारण कई बार एक बस से दूसरे बस पर चढ़ाने के लिए पब्लिक के साथ बदसलूकी भी कर दी जाती है। सामान रखने को लेकर भी कई बार झगड़े हो जाते हैं। बस की टाइमिंग को लेकर भी सैकड़ों बार विवाद हो चुका है। इसमें आम पब्लिक को पीसना पड़ता है।