- चौकाघाट-लहरतारा फ्लाईओवर के धीमे काम से पब्लिक हो रही परेशान

- राज्य सेतु निगम बारिश व मजदूरों की कमी बताकर मामले से झाड़ रहा पल्ला

>varanasi@inext.co.in

VARANASI

चौकाघाट-लहतारा फ्लाईओवर निर्माण की धीमी गति ने पब्लिक की मुसीबत बढ़ा दी है। फ्लाईओवर हादसे के आरोपित इंजीनियर्स की गिरफ्तारी के बाद तो काम पर जैसे 'ब्रेक' लग गया है। स्थिति यह है कि हादसे के बाद अब तक महज छह फीसदी ही काम हुआ है। राज्य सेतु निगम बरसात और मजदूरों की कमी बताकर मामले से पल्ला झाड़ रहा है। बुधवार को दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने कार्य स्थल की तफ्तीश की तो अंगुलियों पर गिनने लायक मजदूर काम करते दिखे। ऐसे में निर्धारित समय में काम पूरा होने में संशय है।

दिक्कतों से होता है सामना

फ्लाईओवर काम के चलते

रोडवेज से कैंट रेलवे स्टेशन तक पब्लिक को दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। कैंट के सामने पटरियों पर काफी दिनों से खराब पाइलिंग मशीन खड़ी है। जिसकी वजह से उतना एरिया ब्लॉक हो गया है। कई जगहों पर पिलरों के बीच से निकले रास्तों के किनारे पर बड़ा गड्ढा खोदकर छोड़ दिया गया है। वहीं बैरीकेड्स भी कई जगह सड़क की तरफ लटक गए हैं। रही सही कसर सड़क के गड्ढों और बार-बार लगने वाले जाम ने पूरी कर दी है।

पहले से ही धीमा रफ्तार

अक्टूबर 2015 में चौकाघाट-लहरतारा फ्लाईओवर विस्तारीकरण का काम शुरू हुआ। ट्रैफिक के दबाव, रूट डायवर्जन न होने समेत अन्य कारणों से काम काफी धीमा चला। जिससे निर्धारित समय 30 जून 2018 तक काम पूरा नहीं हो पाया। इस बीच, 15 मई को फ्लाईओवर की बीमें गिरने से 15 लोगों की मौत हो गई, जबकि दर्जनों लोग घायल हो गए। इसके बाद एक महीने से ज्यादा समय तक काम रुका रहा। जून के दूसरे पखवारे में काम शुरू हुआ, लेकिन जुलाई में हादसे के आरोपित अफसरों की गिरफ्तारी के चलते काम एक बार फिर कुछ दिन तक रुका रहा। अब तक महज 46 फीसदी काम ही पूरा हो पाया है।

समय बढ़ाने की लगाइर् गुहार

फ्लाईओवर हादसे के बाद शासन ने निर्माण पूरा करने का समय बढ़ाकर 31 दिसम्बर तक कर दिया। बावजूद इसके अफसर इस डेट तक भी काम पूरा करने में असमर्थता महसूस कर रहे हैं। सोमवार को लखनऊ में हुई समीक्षा बैठक में राज्य सेतु निगम के अफसरों ने शासन ने समय बढ़ाने की गुहार लगाई, लेकिन अभी इसपर फैसला नहीं हो सका है।

सेतु निगम खींच रहा हाथ

हादसे के बाद सबक लेते हुए डिस्ट्रिक्ट एडमिनिस्ट्रेशन और ट्रैफिक पुलिस के अफसरों ने डिमांड पर रूट डायवर्जन करने का फैसला किया। पिछले दिनों बीम रखने के दौरान टै्रफिक को डायवर्ट भी किया गया। इसके बावजूद राज्य सेतु निगम को निर्धारित डेट तक काम पूरा करने में संशय पैदा कर रहा है। अफसरों के मुताबिक ज्यादा दिक्कत सीमेंटेड बीमों की ढलाई और उसे रखने को लेकर है। इसलिए कैंट रेलवे स्टेशन से रोडवेज तक वजन में हल्के स्टील के बीम रखने का प्रस्ताव शासन को भेजा गया है, जो परीक्षण के लिए अटका हुआ है।

एक नजर

- 130 करोड़ प्रोजेक्ट की टोटल लागत

- 50 करोड़ का भेजा रिवाइज इस्टीमेट

- 48 पिलर अब तक बनकर हुए तैयार

- 4 से 5 फीसदी तक महीने में होना चाहिए काम

- 102 स्टील के बीम लगाने का प्लान

- 10 हजार से ज्यादा वाहनों का आवागमन

- 1 से 1.5 लाख पब्लिक गुजरती है हर रोज रास्ते से

चौकाघाट-लहरतारा फ्लाईओवर निर्माण की हर स्तर पर नियमित मॉनीटरिंग की जा रही है। बारिश और मजदूरों की कमी से काम में कुछ देर हुई है। शासन से समय बढ़ाने का अनुरोध किया गया है।

संदीप गुप्ता, प्रोजेक्ट मैनेजर, राज्य सेतु निगम