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-सम्मिलित राज्य अभियंत्रण सेवा परीक्षा एवं अवर अभियंता परीक्षा 2013 के अभ्यर्थियों ने 03 जुलाई को आयोग पहुंचने का लिया है निर्णय

vikash.gupta@inext.co.in

ALLAHABAD: होली के पीरियड में भूख हड़ताल पर बैठे थे तो यह कहकर अनशन खत्म करवा दिया था कि जून में रिजल्ट दे देंगे। लेकिन अब जून भी बीतने वाला है और रिजल्ट का कुछ भी अता पता नहीं है। उत्तर प्रदेश पब्लिक सर्विस कमीशन (यूपीपीएससी) ऐसे ही आश्वासनों की घुट्टी पिलाकर युवाओं के सपनों का गला घोंटने पर आमादा है। ऐसे में सम्मिलित राज्य अभियंत्रण सेवा परीक्षा 2013/सहायक अभियंता भर्ती परीक्षा और अवर अभियंता 2013 भर्ती के परीक्षार्थियों ने 03 जुलाई को आयोग पर जुटने का फैसला किया है।

14 बार प्रदर्शन, 15 दिनों की भूख हड़ताल

दरअसल, उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा वर्ष 2013 की राज्य अभियंत्रण सेवा भर्ती परीक्षा का परिणाम अभी तक घोषित नहीं हुआ है। जबकि इसकी लिखित परीक्षा अप्रैल 2016 में ही ली जा चुकी है। इसी प्रकार अवर अभियंता 2013 की लिखित परीक्षा भी मई 2016 में करवाई गई थी। परिणाम न घोषित होने के कारण अभ्यर्थियों में काफी आक्रोश है। इसको लेकर अभ्यर्थी 14 बार आयोग के कार्यालय पर विरोध प्रदर्शन कर चुके हैं। परिणाम के इंतजार में अभ्यर्थियों के समूह ने आयोग कार्यालय पर होली के पर्व से पहले और बाद तक 15 दिन की भूख हड़ताल भी की थी। उस समय आयोग ने एई का रिजल्ट जून के प्रथम सप्ताह में और जेई का रिजल्ट अगस्त के प्रथम सप्ताह में घोषित कर देने की बात कही थी।

2013 के बाद सन्नाटा

अभ्यर्थियों का कहना है कि किसी भी परीक्षा का परिणाम यदि चार से छह वर्ष के अंतराल पर निकलता है तो हताशा का स्तर बढ़ता ही जाता है। आयोग के अधिकारी भी देरी पर कोई स्पष्ट जवाब नहीं दे रहे। इस बाबत परीक्षा में शामिल परीक्षार्थी बताते हैं कि सहायक अभियंता के लिए उम्र सीमा 21 से 40 वर्ष निर्धारित थी। वहीं अवर अभियंता के लिये 18 से 40 वर्ष उम्र सीमा थी। सहायक अभियंता के लिये दूसरी जगहों पर उम्र सीमा 30 वर्ष ही है। ऐसे में इस परीक्षा में शामिल होने वाले करीब 50 फीसदी परीक्षार्थी पहले ही ओवरएज हो चुके हैं। उन्हें इसी परिणाम से नौकरी मिलने की आस है। खास यह कि आयोग ने वर्ष 2013 के बाद एक भी बार एई और जेई की वैकेंसी भी नहीं निकाली।

परीक्षा से जुड़े महत्वपूर्ण तथ्य

- सहायक अभियंता परीक्षा का विज्ञापन 24 दिसम्बर 2013 में आया।

- इसमें करीब 07 हजार परीक्षार्थी हुए हैं शामिल।

- इसमें पदों की संख्या लगभग 936 है।

- अवर अभियंता परीक्षा का विज्ञापन भी 24 दिसम्बर 2013 में आया था।

- इसमें करीब 08 हजार परीक्षार्थी हुए हैं शामिल।

- तकरीबन 2400 पदों के लिये करवाई गई थी परीक्षा

20 साल से एक ही ढर्रे पर आयोग

उधर, आयोग द्वारा घोषित परीक्षाओं के परिणाम पर नजर डालें तो मामला सिर्फ 2013 परीक्षा तक ही नहीं ठहरता

-राज्य अभियंत्रण सेवा परीक्षा 2007 का परिणाम अगस्त 2011 में घोषित किया। जबकि इसके लिए लिखित परीक्षा फरवरी 2008 में ली गई थी।

- 2011 परीक्षा का परिणाम मई 2016 में आया। इसकी लिखित परीक्षा जनवरी 2012 में करवाई गई थी।

-2008 का परिणाम 2012-13 में घोषित किया गया। इसकी लिखित परीक्षा अगस्त 2008 में ले ली गई थी।

-इसी तरह अवर अभियंता परीक्षा के परिणाम में भी निरंतर विलंब हुआ। 1998 की भर्ती परीक्षा का परिणाम 2004 में घोषित किया गया।

-2000 की भर्ती परीक्षा का परिणाम 2015 में घोषित किया गया।

-2004 की भर्ती परीक्षा का परिणाम 2008 में घोषित किया गया।

-2005 की भर्ती परीक्षा का परिणाम 2010 में घोषित किया गया।

-2008 की भर्ती परीक्षा का परिणाम 2015 में घोषित किया गया।

सहायक अभियंता के लिये परीक्षा देने वालों में एनआईटी और आईआईटी जैसी जगहों से सिविल और मैकेनिकल इंजीनियरिंग में बीटेक करने वाले शामिल हैं। आयोग परीक्षा का आयोजन हर साल नियमित रूप से कर भी नहीं रहा है।

-विलाश कुमार

हमसे कहा गया था कि आप हर 15 दिनों में परिणाम का स्टेटस जान सकते हैं। हर बार यही बताया जाता है कि कॉपियों के मूल्यांकन में देरी हो रही है। अवर अभियंता की नियुक्ति सिंचाई विभाग में होनी है।

-सागर वर्मा

सहायक अभियंता के तहत सिंचाई, पीडब्ल्यूडी, ग्रामीण अभियंत्रण सेवा, लघु सिंचाई आदि विभागों में नियुक्ति होनी है। इसके बाद इंटरव्यू भी होना है। हमें भी आयोग पर एकत्रित होने के लिए प्रदेश की अलग अलग जगहों से इकट्ठा होना पड़ता है। इसमें काफी पैसा खर्च होता है।

-अजीत सोनकर

आयोग ने हमारा भविष्य अंधकारमय बना दिया है। कई परीक्षार्थी ऐसे हैं। जिनका खर्च कर्जा लेकर चल रहा है। हमें नौकरी की सख्त दरकार है। लेकिन परिणाम न आने से कुछ भी क्लियर नहीं हो पा रहा।

-अर्चना