-राज्य सरकार ने सीबीएसई से सम्बद्धता फीस और मानकों में मांगी छूट

-मझगवां में 5.51 एकड़ में बना स्कूल में शुरू होगी पढ़ाई, अन्य आठ पीपीपी मॉडल से चलाने की प्लानिंग

>BAREILLY

केंद्र सरकार की बेरुखी के बाद राज्य सरकार ने सूबे में बने मॉडल स्कूल को खुद चलाने का फैसला किया है। इसके लिए राज्य सरकार ने समाजवादी अभिनव विद्यालय योजना की शुरुआत की है। जिसके तहत राज्य सरकार हर जिले में एक मॉडल स्कूल चलाएगी। जबकि अन्य स्कूल का संचालन (सार्वजनिक एवं निजी भागीदारी) पीपीपी मॉडल से संचालित करने की प्लानिंग है। वहीं हर जिले में एक स्कूल चलाने के लिए राज्य सरकार ने सीबीएसई से सम्बद्धता फीस और एनओसी के मानकों में छूट मांगी है। बताते चलें कि बरेली में मॉडल स्कूल के लिए नौ भवन निर्मित कराए गए थे।

केंद्र ने खींच लिए थे हाथ

स्टूडेंट्स को किफायती दर पर सीबीएसई की शिक्षा मुहैया कराने के लिए केन्द्र सरकार ने मंडल के मुख्यालय में मॉडल स्कूल संचालित करने की योजना बनाई थी। इसमें निर्माण के लिए 80 फीसदी बजट केन्द्र सरकार और 20 प्रतिशत राज्य सरकार को देना था। योजना के तहत बरेली में नौ स्कूल चौबारी, क्यारा, भुजपुरा, नवाबगंज, रीछा, अतछेड़ी, अरदासपुर, अलिया और बसंतपुर में खोले गए। हर कॉलेज के निर्माण पर तीन करोड़ और दो लाख रुपए खर्च आया, लेकिन इनके संचालन के पहले केन्द्र सरकार ने हाथ खींच लिए।

टीचर, कर्मचारी होंगे भर्ती

केंद्र सरकार के हाथ पीछे खींच लेने के कारण 2015-16 के शैक्षिक सत्र में इन स्कूलों में शिक्षण कार्य शुरू नहीं हो सका। इस नाते राज्य सरकार ने समाजवादी अभिनव विद्यालय योजना शुरू कर 2016-17 से इसमें क्लासेज शुरू कराने का फैसला लिया है। योजना के जरिए सरकार हर जिले में बने स्कूल्स में से एक खुद संचालित करेगी। वहीं बरेली में बने नौ में से अन्य आठ स्कूल को पीपीपी मॉडल से संचालित करने की प्लानिंग है। योजना के तहत जिले के मझगवां में 5.51 एकड़ में बने मॉडल कॉलेज के संचालन की बागडोर राज्य सरकार के हाथों में रहेगी। प्रमुख सचिव और कमिश्नर स्तर पर गठित कमेटियां टीचर्स और कर्मचारियों की भर्ती करेगी। कॉलेज संचालन के संबंध में प्रमुख सचिव जितेन्द्र कुमार ने माध्यमिक शिक्षा परिषद के शिक्षा निदेशक को पत्र लिखा है।

सीबीएसई के दरबार राज्य सरकार

कॉलेजेज के संचालन के लिए राज्य सरकार सीबीएसई के दरबार पहुंच गई है। उसने सम्बद्धता फीस को माफ करने और एनओसी जारी करने के लिए मानकों को शिथिल करने की मांग की है। सीबीएसई से सम्बद्धता के लिए हाईस्कूल तक 10 हजार रुपये चुकाने होते हैं। 12वीं की मान्यता के लिए सीबीएसई फिर 10 हजार रुपए की फीस वसूलती है। तीन साल बाद सम्बद्धता का रिन्यूवल कराना अनिवार्य होता है।