नैनी, छिवकी, दारागंज, झूंसी, फाफामऊ जैसे स्टेशन होंगे वाई-फाई

ALLAHABAD: आम बजट 2018 के साथ पेश रेल बजट में वित्त मंत्री अरुण जेटली ने जिस तरह की घोषणाएं की हैं, उससे ए-ग्रेड स्टेशनों के साथ ही छोटे स्टेशन भी चमक जाएंगे। यह स्टेशन एस्केलेटर के साथ ही वाई-फाई व अन्य सुविधा से लैस हो जाएंगे। वहीं संरक्षा वर्क में तेजी आने से यात्रियों को बेहतर सुविधाएं मिलेंगी, जिससे वे सुरक्षित यात्रा कर सकेंगे। जीएम एनसीआर एमसी चौहान ने आम बजट में शामिल घोषणाओं की जानकारी देते हुए एनसीआर की उपलब्धियां बताई।

संरक्षा पर फोकस

जीएम एनसीआर ने कहा कि आम बजट में इस बार भी रेल यात्रियों की सुविधा का पूरा ध्यान रखा गया है। संरक्षा पर विशेष फोकस करते हुए विशेष पैकेज जारी किया गया है। बजट के दो दिन पहले ही सूबेदारगंज टर्मिनल के लिए परमिशन लेटर आ चुका है। जीएम ने बताया कि बजट में एनसीआर को क्या विशेष मिला है, ये अभी क्लीयर नहीं हो सका है। पांच फरवरी को स्पष्ट हो सकता है.जीएम ने बताया कि ट्रेनों की स्पीड बढ़ाने के लिए सभी रेल खंडों के विद्युतीकरण का टार्गेट निर्धारित किया गया है। इलाहाबाद से गुजरने वाली रेल रूटों को भी जल्द ही विद्युतीकरण से लैस किया जाएगा।

पिछली बजट के वादे अब भी अधूरे

1. छिवकी जंक्शन का विकास

इस पर काम शुरू हो चुका है लेकिन अब भी इतना काम नहीं हुआ है कि पब्लिक को राहत मिले। यहां आज भी सिर्फ एक प्लेटफॉर्म है। एक ही फुटओवर ब्रिज है। इसी से पब्लिक को आना जाना है। मुंबई रूट की ट्रेनों को इसी जंक्शन से डायवर्ट करके इलाहाबाद जंक्शन पर प्रेशर हटाने के लिए इसे मॉडल स्टेशन बनाने की घोषणा पिछले बजट में की गयी थी।

2. सूबेदारगंज जंक्शन को भी मॉडल स्टेशन के रूप में डेवलप करने की घोषणा पिछले बजट में हुई थी। रेलवे की मंशा दिल्ली रूट की ट्रेनो का संचालन यहीं से करने की थी ताकि इलाहाबाद जंक्शन पर ट्रेनो का प्रेशर कम हो और ट्रेनों की टाइमिंग सुधरे। यहां अभी तक एक भी ट्रेन का संचालन शुरू नहीं हो सका है।

3. इलाहाबाद जंक्शन पर प्लेटफॉर्म संख्या 11 का निर्माण। यह भी पिछले साल का ही प्रोजेक्ट था। यह प्रोजेक्ट भी अभी पूरा नहीं हो सका है।

4. जंक्शन पर वाई फाई

पिछले बजट की इस घोषणा पर अमल हो चुका है। जंक्शन पर पब्लिक को फ्री वाई फाई की सुविधा अब मिलने लगी है।

ये वादे भी अब तक अधूरे

इलाहाबाद से हल्दिया तक वाटर ट्रांसपोर्ट शुरू करने की घोषणा पहले बजट में ही हुई थी। बाद में इसे वाराणसी तक ही सीमित कर दिया गया। इस साल इसे फिर से फिर से हल्दिया से इलाहाबाद तक जल परिवहन शुरू करने का प्रस्ताव है।

नमामि गंगे परियोजना के तहत गंगा सफाई का प्रस्ताव भी मोदी सरकार के पहले बजट का हिस्सा था। इलाहाबाद में अभी तक गंगा किनारे बसे सभी गावों को ओडीएफ ही नहीं किया जा सका है।