- गवर्नर के आदेश पर टीचर्स, स्टूडेंट्स ने जताई खुशी

- कैम्पस में प्रतिमा लगाए जाने को लेकर होता रहा है विवाद

GORAKHPUR: डीडीयूजीयू कैंपस में पं। दीनदयाल उपाध्याय की प्रतिमा लगाए जाने का रास्ता अब साफ हो गया है। कैंपस में मूर्ति लगाने के लिए गवर्नर से आदेश जारी होते ही सारे विवाद अपने आप खत्म हो गए हैं। दीन दयाल उपाध्याय जन्म शताब्दी समारोह समिति से जुड़े लोगों की मानें तो 25 सितंबर को जन्म शताब्दी समारोह होगा। उसी दिन 35वें दीक्षांत समारोह का भी आयोजन किया जाएगा। प्रतिमा लगाए जाने पर टीचर्स और स्टूडेंट्स ने खुशी जताई है।

खत्म हुई बहस, बन गई बात

डीडीयूजीयू कैंपस में पं। सूरत नारायण त्रिपाठी और दिग्विजय नाथ की प्रतिमा लगाने को लेकर लंबे समय तक बहस होती रही। दोनों महापुरुषों की प्रतिमा लगाने को लेकर कार्यपरिषद सदस्य निर्णय नहीं ले पा रहे थे। जिसके बाद कार्यपरिषद ने कैंपस में किसी भी महापुरुष की प्रतिमा लगने से इंकार कर दिया। इस बीच जब जब पं। दीन दयाल उपाध्याय की प्रतिमा लगाने की बात उठी तो अन्य महापुरुषों के पक्ष में भी दावेदार खड़े हो गए। इस चक्कर में पं। दीनदयाल की भी प्रतिमा का मामला टलता रहा। प्रो। जितेंद्र तिवारी ने पं। दीन दयाल उपाध्याय को यूनिवर्सिटी अधिनियम में होने का हवाला देते हुए कहा कि इनकी प्रतिमा लगाए जाने पर सबसे पहले विचार किया जाना चाहिए। बाकी प्रतिमाओं पर अलग से विचार किए जाएं। इस पर कार्यपरिषद ने अपनी सहमति दी तो मामला राजभवन पहुंचा। अब गवर्नर ने भी अपनी सहमति दे दी है। राजभवन से वीसी को आदेश भी आ गया है।

25 सिंतबर को समारोह

यूनिवर्सिटी की तरफ से बनाई गई दीन दयाल उपाध्याय जन्म शताब्दी समारोह समिति सदस्यों की मानें तो 25 सितंबर को जन्म शताब्दी समारोह मनाया जाएगा। वहीं इस मौके पर 35 वें दीक्षांत समारोह का भी आयोजन किया जाना है। समारोह को भव्य रूप देने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मुख्य अतिथि के रूप में बुलाने की तैयारी की जा रही है। वीसी ने पीएमओ ऑफिस में नरेंद्र मोदी को आमंत्रण के लिए एप्वाइंट मेंट डेट भी ले लिया है।

इनकी प्रतिमाओं को लेकर जारी है बहस

- सूरत नारायण मणि त्रिपाठी

- महंत दिग्विजय नाथ

- वीर बहादुर सिंह

- हनुमान प्रसाद पोद्दार

- डॉ। भीम राव अंबेडकर