अगर आप अपनी सिक्योरिटी को लेकर पुलिस के भरोसे हैं तो यह गलतफहमी मन से निकाल दीजिए। पुलिस और प्रशासन आपकी सिक्योरिटी नहीं कर सकती। क्यों? इसका जवाब हम आपको आगे देंगे लेकिन क्या आप खुद भी अपनी सिक्योरिटी को लेकर एलर्ट हैं? आई नेक्स्ट ने एक रियलिटी चेक किया जिसमें पता चला कि ज्यादातर कानपुराइट्स अपनी सिक्योरिटी को लेकर एलर्ट नहीं हैं.

सीट तो चेक नहीं की

आई नेक्स्ट की टीम ने लोकमान्य तिलक टर्मिनल से प्रतापगढ़ जा रही टे्रन के एसी थ्री टियर के पैसेंजर से बात की तो ज्यादातर पैसेजर्स बोले कोच में आने के बाद बर्थ व सीट के नीचे-ऊपर चेक नहीं किया था। कुछेक बोले कि मुंबई ब्लास्ट के बाद आज चेक किया है मगर इसकी पहले से आदत नहींहै। इसी तरह हमें लोग मिलते रहे। ज्यादातर ऐसे मिले, जिन्होंने सिक्योरिटी पर कन्सर्न तो जताई मगर कुछ किया नहीं। पैसेंजर डॉ। नूतन बताती है कि इन सब चीजों पर ज्यादा ध्यान नहीं देती। आज भी बस में सफर करने से पहले मैंने सीट के आस-पास चेक नहीं किया। हालांकि मुझे चेक करना चाहिए था.

हाल बस स्टैंड का

वेडनसडे को झकरकटी बस स्टेशन पर 10 लावारिस बैग मिले थेवहीं थर्सडे को बस स्टेशन पर चेकिंग और एलर्ट के नाम पर कुछ नहीं दिखाई दियाबस स्टेशन पर पैसेंजर्स डेली की तरह आ जा रहे थे। सिक्योरिटी के नाम पर बस स्टेशन पर एक भी सिक्योरिटी गार्ड या पुलिस दिखाई नहीं दी। सूत्रों के मुताबिक बस स्टेशन पर वेडनसडे को सिर्फ 10 मिनट एनाउंसमेंट किया गया। उसके बाद न तो बस स्टेशन पर कोई चेकिंग हुई न ही कोई एनाउंसमेंट। बसों में कौन क्या सामन ला रहा है, उसमें क्या है इससे किसी को कोई मतलब नहीं। हालांकि झकरकटी बस स्टेशन के एआरएम एम। इलियाज कहते हैं कि पैसेंजर्स को एनाउंसमेंट के थ्रू अवेयर कर दिया गया था।

सेंट्रल पर वही हालत

मुंबई ब्लास्ट के बाद सेंट्रल स्टेशन पर सुरक्षा का कोई इंतजाम नहीं है। सिक्योरिटी के लिहाज से कैंट साइड में एक मेटल डिटेक्टर लगा है। लेकिन उसे विजिलेंस के लिए ना तो जीआरपी का कोई सिपाही था और ना ही आरपीएफ का कोई जवान। कुछ भी हो जाए। सिक्योरिटी भगवान भरोसे ही है। इतना ही नहीं सिक्योरिटी के लिए स्टेशन पर दो कैमरे काम नहीं कर रहे हैं। प्लेटफॉर्म नंबर-1 पर और जीआरपी थाने में लगा सीसीटीवी कैमरा बंद हो चुका है.