RANCHI: बंद कमरे में रहने से आपको पर्याप्त आक्सीजन नहीं मिल पाता है। ऐसे में आपके ब्रेन डैमेज की आशंका बढ़ जाती है। ऐसे मरीजों के लिए स्टेम सेल थेरेपी संजीवनी का काम कर रही है। इसकी मदद से ब्रेन डैमेज, ऑटिज्म, सेरेब्रल पाल्सी, पैरालाइसिस समेत न्यूरोलॉजिकल डिस-ऑर्डर के मरीजों का भी इलाज संभव है। यह कहना है न्यूरोजेन ब्रेन एंड स्पाइन इंस्टीट्यूट के डायरेक्टर डॉ। आलोक शर्मा का। उन्होंने कहा कि पेशेंट के स्टेम सेल से उसका ट्रीटमेंट किया जाता है। मरीजों पर इसका तेजी से प्रभाव भी देखा जा सकता है।

एक सेशन में पेशेंट ठीक

पीआरओ पुष्कला स्कार्या ने बताया कि स्टेम सेल ट्रीटमेंट में सात दिनों का सेशन होता है। इसमें मरीज को हास्पिटल में ही रुककर इलाज कराना होता है। ऐसे में जेनरल वार्ड में एक सेशन के लिए दो लाख रुपए चुकाने होते हैं। वहीं कई मरीजों को दो से तीन सेशन के ट्रीटमेंट की जरूरत पड़ती है। इसके साथ ही मरीज को फिजियोथेरेपी भी दी जाती है, जो मरीज को रिकवर होने में मदद करता है।