फैसले को लेकर रहे थे विवादित

कानपुर। अगर आप भारतीय क्रिकेट के फैन हैं तो स्टीव बकनर के नाम से भली-भांति परिचित होंगे। ये वही अंपायर है जिन पर भारतीय क्रिकेटर्स को जानबूझकर आउट देने के आरोप लगे थे, खासतौर से सचिन तेंदुलकर के खिलाफ दिए गए उनके आधे से ज्यादा फैसले विवादित रहे। इसके बावजूद बकनर अंतराष्ट्रीय क्रिकेट में जाने-पहचाने अंपायर माने जाते हैं। बकनर का जन्म 31 मई 1946 को जमैका में हुआ था, आज वह अपना 72वां बर्थडे सेलीब्रेट कर रहे। बकनर ने कभी क्रिकेट नहीं खेला, हालांकि स्कूली दिनों में वह फुटबाॅल खेला करते थे। यही वजह है कि करियर के शुरुआती दिनों में उन्हें फुटबाॅल मैच में रेफरी बनने का मौका मिला था, बाद में उन्होंने क्रिकेट की तरफ रुख कर लिया।

फीफा वर्ल्ड कप 1990 क्वाॅलीफाॅयर मैच में रेफरी

साल 1990 में फुटबाॅल वर्ल्ड कप आयोजित होना था। इस टूर्नामेंट में कौन-कौन टीम खेलेंगी इसका चयन क्वाॅलीफाॅयर मैच से किया गया था। ये क्वाॅलीफाॅयर मैच दो साल पहले शुरु हो गए थे। ईएसपीएन क्रिकइन्फो के मुताबिक, 1988 में सेल्वेडर और नीदरलैंड के विरुद्घ क्वाॅलीफाॅयर मैच खेला गया जिसमें रेफरी स्टीव बकनर बने। हालांकि इसके ठीक चार साल बाद 1992 क्रिकेट वर्ल्ड कप में जब बकनर को अंपायरिंग का जिम्मा सौंपा गया तो उनके नाम अनोखा रिकाॅर्ड दर्ज हो गया। वह दुनिया के पहले ऐसे शख्स बने जो कि्रकेट वर्ल्ड कप में अंपायर और फुटबाॅल वर्ल्ड कप में रेफरी रहे। बकनर को क्रिकेट वर्ल्ड कप में अंपायरिंग करने का मौका बहुत जल्दी मिल गया था, क्योंकि इससे पहले उनके पास सिर्फ चार टेस्ट और एक वनडे में अंपायरिंग का अनुभव था।

अंपायरिंग के रिकाॅर्ड कायम किए हैं बकनर ने

स्टीव बकनर ने करीब 20 साल इंटरनेशनल क्रिकेट में अंपायरिंग की है। उनके नाम सबसे पहले 100 टेस्ट मैचों में अंपायरिंग करने का रिकाॅर्ड भी दर्ज है। उन्होंने यह कारनामा साल 2005 में किया था। यही नहीं बकनर 1992 से लेकर 2007 तक लगातार पांच वर्ल्ड कप फाइनल मैच में अंपायरिंग करने वाले इकलौते अंपायर हैं। अपने पूरे करियर में इस कैरेबियाई अंपायर ने 181 वनडे और 128 टेस्ट मैचों में अंपायरिंग की।

भारतीय क्रिकेटर्स को गलत आउट देने के आरोप

दो दशक लंबे अंपायरिंग करियर में स्टीव बकनर कई विवादों से भी जुड़े। सबसे पहला मामला साल 2007 का है जब वर्ल्ड कप फाइनल मैच में उन्होंने रोशनी खराब होने के चलते मैच रोक दिया था, जबकि मैदान में खेलने लायक लाइट पर्याप्त थी। बकनर के इस निर्णय से मैच का परिणाम भी प्रभावित हुआ। इसके बाद दूसरा विवाद 2008 का है, जब भारतीय टीम ऑस्ट्रेलिया दौरे पर गई थी। वहां सिडनी में एक टेस्ट मैच खेला गया जिसमें भारत को करारी शिकस्त मिली। इस हार की वजह बकनर को माना गया, उनके ऊपर भारतीय बल्लेबाजों को जानबूझकर आउट देने का आरोप लगा। बस यहीं से उनका करियर ढलान पर आ गया। ईएसपीएन क्रिकइन्फो की एक रिपोर्ट के मुताबिक, सिडनी टेस्ट के बाद आईसीसी ने बकनर को भारत-ऑस्ट्रेलिया सीरीज से बाहर कर दिया। बकनर जहां 2011 में रिटायर होने थे, मगर विवादों के चलते उन्हें दो साल पहले ही क्रिकेट को अलिवदा कहना पड़ा।

आइए घूमते हैं धोनी के 7 एकड़ वाले फाॅर्महाउस के अंदर, साक्षी के इस वीडियो में दिखा सब कुछ

ICC का फैसला : क्रिकेट में जारी रहेगा टाॅस, जानिए इसे खत्म करने की क्यों उठी थी मांग

Cricket News inextlive from Cricket News Desk