स्टाइलश:

दुनिया की बड़ी मोबाइल कंपनियों में से एक कंपनी एप्पल ने बड़ा धमाका किया है। एप्पल ने अब तक के सारे आईपैड को पीछे छोड़ दिया है। उसने इस बार सबसे बड़े और सबसे तेज आईपैड को लॉन्च कर किया है। सबसे खास बात तो यह है कि 12.9 इंच के आईपैड प्रो के साथ फुल साइज की-बोर्ड और एप्पल पेंसिल यानी की स्टाइलश भी लॉन्च किया है। एप्पल का दावा है कि स्टाइलश को प्रोफेशलनल्स को ध्यान में रखते हुए बनाया गया है। इसके टिप में दो सेंसर लगाए गए हैं, जो स्क्रीन पर पड़ने वाले दबाव को महसूस करते हुए किसी भी आकृति को रूप देते हैं। जबकि एप्पल के स्टीव जॉब्स ने इसे 2008 में कंपनी के इस प्लान को सिरे से खारिज कर दिया था। मैकवर्ल्ड इवेंट में स्टीव जॉब्स का कहना था कि स्टाइलश की क्या जरूरत है। यूजर्स के हाथों में कुदरती स्टाइलश मौजूद हैं वो भी एक नहीं पूरे दस। फिंगर्स स्टाइलश से बेहतर काम करेंगी। जिससे साफ है कि स्क्रीन पर टच करने के लिए एक बेहतर नेचुरली डिवाइस का इस्तेमाल हो रहा है। जिससे साफ था कि स्टीव जॉब्स ने इस प्रोजेक्ट पर यानी की स्टाइलश डिवाइस पर अपनी सहमति नहीं जताई थी।

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आईपैड:

आज भले ही एप्पल का 12.9 इंच का आईपैड सबसे तेज और सबसे बड़ा आइपैड दुनिया में चर्चा का विषय बना है। इसमें 56 लाख पिक्सल रेजोल्यूशन वाली स्क्रीन दी गई है। इसके आलावा एप्पल ने कई सारे मिनी आईपैड भी उतारे। कंपनी ने दावा किया कि लोगों को यह आइपैड काफी पसंद भी आए हैं। हालांकि अगर सही मायने में देखा जाए तो कंपनी के फाउंडर स्टीव जॉब्स को न तो मिनी आई पैड पसंद था और न बिग आईपैड। वह कंपनी के इस प्रोजेक्ट थीम को नकार चुके थे। उनका मानना था कि 9.7 इंच स्क्रीन से छोटा आईपैड किसी काम का नहीं। इस पर कुछ आफिशियल काम ठीक से नहीं किया जा सकता है। इसके अलावा वह 9.7 इंच स्क्रीन से बड़े आईपैड से भी सहमत नहीं थे। उनका मानना होता था कि इससे बड़ा हाथ में कैरी करना मुश्किल है। इसकी अपेक्षा फिर लैपटाप को यूजर्स ज्यादा प्रिफर करेंगे। हालांकि कंपनी ने बड़े छोटे दोनों ही साइज के आईपैड उतारे हैं।

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आईफोन:

आज बाजार प्रतिस्पर्धा के चलते भले ही एप्पल ने 4 इंच से बड़े आइफोन उतारे हों, लेकिन स्टीव जॉब्स इससे भी सहमत नहीं थे। स्टीव जॉब्स बेहतर काम करने वाले आईफोन की स्क्रीन का साइज 4 इंच मानते थे। बाजार में बड़े आईफोन आने के बाद एप्पल भी इस दिशा में सोच रही थी, लेकिन स्टीव जॉब्स की सहमति न होने से पीछे रही। स्टीव जॉब्स का मानना था कि बडे़ आईफोन हाथ में पकड़ने में काफी दिक्कत देते हैं। इसके अलावा जिस हाथ में आईफोन पकड़े हो उसी हाथ की उंगलियों का उसकी पूरी स्क्रीन पर पहुंचना मुश्किल हैं। इस दौरान इसे यूज करने के लिए दूसरे हाथ इस्तेमाल करना जरूरी होगा। इतना ही नही ड्राइव या राइड करते हुए इसका इसतेमाल करना आसान नहीं होगा। यूजर्स को यूज से ज्यादा उसकी केयर में ही परेशान रहेंगे।

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