- 718 दुर्लभ पक्षियों को मिली आजादी

- सात आरोपी अरेस्ट, 1.62 लाख रुपये बरामद

LUCKNOW :

चौक के नक्खास स्थित चिडि़या बाजार में शनिवार को यूपी एसटीएफ व वन विभाग की संयुक्त टीम ने छापा मारा। इस दौरान टीम ने मौके से अलग-अलग प्रजातियों के 718 दुर्लभ पक्षी बरामद किये। एसटीएफ ने सात चिडि़या तस्करों को मौके से अरेस्ट किया है। इन सभी के तार बिहार और कोलकाता से जुड़े बताए जा रहे हैं।

मच गया हड़कंप

एसएसपी एसटीएफ अभिषेक सिंह के मुताबिक, वन विभाग ने यूपी एसटीएफ से राजधानी के चौक एरिया में व्यापक स्तर पर दुर्लभ पक्षियों की तस्करी के बाद बिक्री करने की सूचना देते हुए कार्रवाई की गुजारिश की थी। जिसके बाद एएसपी डॉ। अरविंद चतुर्वेदी ने मुख्य वन संरक्षक प्रवीण राव से संपर्क कर पूरे गोरखधंधे की जानकारी हासिल की। पता चला कि नक्खास चिडि़या बाजार में प्रतिबंधित पक्षियों मसलन फिंचेज, मैना, उल्लू, हार्नबिल के साथ-साथ माइग्रेटेड पक्षियों को भी तस्कर मांग के मुताबिक मुहैया करा रहे हैं। इस सूचना पर इंस्पेक्टर राजेश चंद्र त्रिपाठी और उकी टीम ने वन विभाग की टीम के साथ रविवार दोपहर बाजार में छापा मारा। भारी पुलिस फोर्स के साथ छापेमारी को देख बाजार में हड़कंप मच गया।

सात अरेस्ट, तीन फरार

छापेमारी के दौरान एसटीएफ टीम ने मौके से सआदतगंज निवासी राजपति बहेलिया, उसके बेटे कैलाशपति बहेलिया, श्यामधन बहेलिया, कैलाश बहेलिया, राजेंद्र बहेलिया, कल्लू कुरैशी और ठाकुरगंज निवासी मेराज अंसारी को अरेस्ट कर लिया। जबकि, उसके तीन साथी सआदतगंज निवासी रामकुमार, लाला और राम औतार मौके से फरार होने में सफल रहे। टीम ने जब आरोपियों की दुकान की तलाशी ली तो दुर्लभ पक्षियों का जखीरा देख उनके होश उड़ गए। टीम ने मौके से 108 तोते, 325 मुनिया, 35 तीतर, 137 बटेर, 4 गौरैय्या, 65 जंगली कबूतर, 1 महोख, 1 जंगली कौवा, 1 बगुला, 15 हारिल, 3 सलेहरी, 1 फाख्ता, 21 टुइयां, 2 बया पक्षी बरामद किये। इसके अलावा पुलिस ने मौके से 1.62 लाख रुपये और पांच मोबाइल फोन भी बरामद किये।

सिनेबाज की सबसे ज्यादा डिमांड

पुलिस गिरफ्त में आने के बाद आरोपी कैलाशपति बहेलिया ने बताया कि उसके एजेंट खीरी, बांदा, चित्रकूट, सीतापुर, शाहजहांपुर, पीलीभीत, हल्द्वानी में मौजूद हैं। जो वहां के जंगलों से तोतों की विभिन्न प्रजातियां पकड़कर उन्हें सप्लाई करते हैं। उसने बताया कि सबसे ज्यादा मांग सिनेबाज पक्षी की है। यह तोते ही प्रजाति है, जिसे बांदा व चित्रकूट के जंगलों से पकड़कर लाया जाता है। उसने बताया कि वह पटना, कोलकाता के पक्षी तस्करों के संपर्क में है। जिन्हें वह मोटी कीमत वसूलकर इन दुर्लभ पक्षियों को सप्लाई करता है। कैलाशपति ने बताया कि इस बाजार के सबसे पुराने व्यापारी रामऔतार व लाला हैं। उस पर पूर्व में भी 7 मुकदमे दर्ज है।