लखनऊ से आई एसटीएफ की टीम

सोर्सेज के मुताबिक, एसटीएफ को विपिन के घाटमपुर में होने की सटीक जानकारी मिली थी। इसके बाद एसआई अनिल सिंह के नेत्रत्व में मंगलवार दोपहर लखनऊ से एसटीएफ की टीम घाटमपुर पहुंची। टीम ने पुलिस को जानकारी दिए बिना विपिन की घेरेबंदी शुरू की। एसटीएफ के कदम की भनक लगते ही विपिन ने भागने की कोशिश की। मूसानगर रोड पर पुलिस ने हक्कल को घेर लिया। मुठभेड़ के बाद एसटीएफ ने हक्कल को दबोच लिया।

जयहिंद की हत्या में भी नाम

शहर में ताबड़तोड़ घटनाएं कर चुका शुक्लागंज, उन्नाव निवासी विपिन हक्कल पुलिस की मोस्ट वांटेड लिस्ट में शामिल था। फरार चल रहे विपिन का नाम गोवर्धन साड़ी सेंटर के गार्ड की हत्या व लूट में सामने आया था। वारदात में शातिर लुटेरा लिटिल चंदेल और अमर सिंह उर्फ चचुआ भी शामिल था। वारदात के कुछ दिनों बाद पुलिस ने लिटिल को मुठभेड़ में मार गिराया था। लेकिन विपिन पुलिस के हाथ नहीं लगा।

पुलिस कस्टडी से हुआ था फरार

पनकी सरायमीता में जयहिंद यादव की हत्या में भी हक्कल का नाम आया। सूत्रों के अनुसार, सरायमीता के ही शातिर अपराधी दिनेश पहलवान की प्लानिंग पर समर सिंह उर्फ चचुआ व हक्कल ने इस हत्याकांड को अंजाम दिया था। उसके बाद विपिन नेपाल भाग गया था। 2011 में विपिन कोर्ट में पेशी के दौरान पुलिस कस्टडी से फरार हुआ था। इसके बाद उसने शहर में ताबड़तोड़ वारदातों को अंजाम देना शुरू किया। जनरलगंज लूट व जयहिंद की हत्या के बाद तो विपिन पुलिस की आंखों के लिए किरकिरी बना हुआ था। विपिन पर आसपास के जिलों में भी संगीन मुकदमे दर्ज हैं।

जिन्ननाथ का चेला था हक्कल

शहर में अपराधियों की फैक्ट्री कहे जाने वाले जिननाथ गैैंग से ही विपिन ने अपराध जगत में कदम रखा था। शहर में एक बड़े पान मसाला व्यापारी का अपहरण कर फिरौती वसूलने वाले संजय ओझा व जीतेश वाजपेयी से हक्कल के करीबी संबंध थे। कोपरगंज में रहने वाले जीतेश वाजपेयी को हक्कल अपना गुरु मानता था। बिधनू इलाके में स्थित एक पेट्रोल पंप को लूट कर भाग रहे जीतेश वाजपेयी व घाटमपुर के हिस्ट्रीशीटर बबलू चौहान का पुलिस ने एनकाउंटर कर दिया था। जिसके बाद जरायम की दुनिया में विपिन अकेला पड़ गया था।

पहलवान का मिला साथ

जीतेश वाजपेयी के एनकाउंटर के बाद हक्कल पनकी के शातिर अपराधी दिनेश पहलवान से जुड़ गया। सूत्रों की मानें तो दिनेश पहलवान भाड़े पर हत्या, लूट व डकैती जैसे अपराध करवाता है। पिछले काफी समय से वह दिनेश पहलवान के गुट से जुड़ा हुआ था। पहलवान ने जेल में रहते हुए ही विपिन को जयहिंद की सुपारी दी थी। शहर से डी 2 गैैंग के खात्मे के बाद दिनेश का गैैंग पुलिस के लिए चुनौती बना हुआ है। पिछले कई सालों से दिनेश माती जेल में बंद है। माना जाता है कि दिनेश जेल से ही अपने गुर्गों के जरिए वारदातों को अंजाम देता है।

पहली बार पिस्टर का यूज

लखनऊ में हुई एक आटो यूनियन के नेता की भाड़े पर हत्या जीतेश व संजय ओझा ने की थी। जिसमें पहली बार पिस्टल का इस्तेमाल किया गया था। इससे पहले क्रिमिनल्स तमंचे का ही यूज किया करते थे। इस घटना के बाद पूर्वांचल के शातिर अपराधी श्रीप्रकाश शुक्ला ने भी एक बार जीतेश वाजपेयी व संजय ओझा से संपर्क साधा था। लेकिन दोनों ने श्रीप्रकाश के गैंग में शामिल होने से इंकार कर दिया।

"शातिर अपराधी को मूसानगर रोड से एसटीएफ ने मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार किया है। एसटीएफ ने घाटमपुर थाने में मामला दर्ज कराया है। बुधवार को उसे कोर्ट में पेश किया जाएगा."

ए। मिश्रा, एसपी रूरल