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KANPUR: कानपुर समेत पूरे उत्तर प्रदेश में संडे को सहायक अध्यापक (प्रशिक्षित स्नातक) एग्जाम के दौरान एसटीएफ की टीम ने बिधनू के एक सेंटर पर छापा मारकर एक सॉल्वर को दबोच लिया। वह सॉल्वर गैंग के माध्यम से अभ्यर्थी की जगह पेपर दे रहा था। एसटीएफ ने उसकी निशानदेही पर अभ्यर्थी, बिचौलिए और ड्राइवर को भी दबोच लिया। उनके कब्जे से फर्जी एडमिट कार्ड, मोबाइल और नगदी बरामद हुई है। एसटीएफ प्रभारी के मुताबिक यूपी के कई जिलों से सॉल्वर पकड़े गए हैं। एक बड़े गैंग का खुलासा हुआ है। गैंग के मेंबर ने पूछताछ के दौरान एसटीएफ के सामने कई चौंकाने वाले खुलासे किए। सॉल्वर ने बताया कि उसके गैंग के मेंबर्स ने पूरे उत्तर प्रदेश में परीक्षा के दौरान नकल के तीन तरीकों का इस्तेमाल किया है। प्रदेश में उसके गैंग के 1000 से ज्यादा लोग सक्रिय हैं।

तीन तरह से कराते हैं नकल
एसटीएफ को शुरूआती पूछताछ में पता चला कि अभ्यर्थी ने पेपर में पास कराने के लिए पांच लाख रुपये का ठेका दिया था। सॉल्वर गैंग ने अभ्यर्थी को तीन तरीके से पास कराने के लिए बताया था। पहला पेपर आउट कराकर उसको एक दिन पहले रटाकर, दूसरा व्हाट्सएप और पर्ची भेजकर नकल कराने और तीसरा उसकी जगह सॉल्वर को बैठाना था। सभी का अलग रेट था। सबसे महंगा पांच लाख रेट सॉल्वर को बैठाने का था। चार लाख में पेपर आउट कराकर नकल कराने का था, लेकिन इसमें एक शर्त थी कि सॉल्वर गैंग अभ्यर्थी को पेपर लेकर जाने नहीं देगा। बल्कि गैंग एक दिन पहले अभ्यर्थी को अपनी जगह पर बुलाएगा। वहां पर अभ्यर्थी को पेपर देकर पूरी रात उसका जवाब रटाया जाएगा। तीसरा व्हाट्सएप या पर्ची के जरिए नकल कराने का था। इसका रेट दो लाख रुपये था।

बिहार से आए थे सॉल्वर
एसटीएफ पूछताछ में बिचौलिए की भूमिका निभाने वाले अनुज ने बताया था कि सॉल्वर गैंग ने बिहार से ठेके पर सॉल्वर को बुलाया है। गैंग एक सॉल्वर को पचास हजार से एक लाख रुपये तक देता है। गैंग ने करीब 30 से 35 सॉल्वर को बुलाया है। कुछ लोकल सॉल्वर भी गैंग के टच में हैं। गैंग जरूरत पड़ने पर उनका यूज करता है।

कई परीक्षा में धांधली कबूली
एसटीएफ पूछताछ में पता चला कि बिचौलिया जिस गैंग से जुड़ा है। वह कई सालों से यह गोरखधंधा कर रहा है। वह कई परीक्षाओं में सेंध लगा चुका है। इसमें कॉम्पटीशन से लेकर सरकारी नौकरी की कई परीक्षा शामिल हैं। यह गैंग पहली बार पकड़ा गया है।

 

शहर से एक सॉल्वर पकड़ा गया है। उसके जरिए कई अन्य सॉल्वर का पता चला है। बिचौलिए ने गैंग के बारे में जानकारी दी है। अन्य सदस्यों की तलाश की जा रही है। साथ ही यह पता लगाया जा रहा है कि यह गैंग किन लोगों को फर्जी तरीके से पास करा चुका है।

- घनश्याम यादव, एसटीएफ प्रभारी