एक करोड़ 20 लाख की हेरोइन बरामद

- गुलरिहा एरिया में एसटीएफ ने कार्रवाई

- मंगलवार की शाम पुलिस ने की घेराबंदी

द्दह्रक्त्रन्य॥क्कक्त्र:

नेपाल और बिहार से नशीले पदार्थो की खेप गोरखपुर में आ रही है। मंगलवार की शाम एसटीएफ गोरखपुर यूनिट ने दो लोगों को अरेस्ट एक करोड़ 20 लाख रुपए की हेरोइन बरामद की। पकड़े गए लोगों ने बताया कि बिहार से हेरोइन का पैकेट लेकर मेडिकल कॉलेज के पास सप्लाई देने जा रहा था। पकड़े गए युवकों के खिलाफ गुलरिहा थाना में केस दर्ज कराया गया है। सीओ ने बताया कि इस तरह के ड्रग्स का इस्तेमाल रेव पार्टिज में होता है।

आकाशवाणी केंद्र के पास मौजूद थी टीम

हाल के दिनों में नेपाल और बिहार से मादक पदार्थो की खेप गोरखपुर आने की सूचना पुलिस को मिली। इसके आधार पर एसटीएफ गोरखपुर यूनिट छानबीन कर रही थी। मंगलवार की शाम साढ़े चार बजे भटहट के पास बाइक सवार कैरियरों के सक्रिय होने की सूचना मिली। आकाशवाणी केंद्र के पास पहुंचकर पुलिस ने घेराबंदी कर ली। महराजगंज जिले से गोरखपुर की ओर आ रहे बाइक सवार दो युवकों को पुलिस ने रोका। तलाशी लेने पर उनके पास से आठ सौ ग्राम टाइगर ब्रांड, मेन इन थाइलैंड का पैकेट मिला। दोनों को हिरासत में लेकर पुलिस ने पूछताछ की तस्करी की कहानी सामने आई।

बिहार से लेकर आ रहे थे पैकेट

पकड़े गए लोगों की पहचान कुशीनगर जिले के नेबुआ नौरंगिया निवासी सुरेश कुशवाहा और महराजगंज जिले के घुघुली वार्ड नंबर तीन निवासी विनोद कुमार दास के रूप में हुई। दोनों ने पुलिस को बताया कि वह कैरियर के रूप में काम करते हैं। खड्डा निवासी राम आसरे के कहने पर वह लोग खेप लेने गए। राम आसरे का रिश्तेदार बाबू, बगहा में रहता है। उसने हेरोइन का पैकेट देकर मेडिकल कॉलेज के पास पहुंचाने को कहा था। मेडिकल कॉलेज पहुंचने के पहले पुलिस ने दोनों को दबोच लिया।

रेव पार्टी में यूज होती इस तरह की ड्रग्स

एसटीएफ के सीओ ने बताया कि पकड़ी गई ड्रग्स की खेप काफी उम्दा किस्म की है। इंटरनेशनल मार्केट में इस तरह की ड्रग्स डेढ़ से दो करोड़ प्रति किलो के हिसाब से बिकती है। बड़े शहरों में होने वाली रेव पार्टिज में इस ब्रांड के ड्रग्स का इस्तेमाल खूब होता है। सीओ का कहना है कि बड़े गैंग के लोग नेपाल के रास्ते कैरियर इंडिया में ड्रग्स की सप्लाई कर रहे हैं।

ड्रग्स ले जा रहे लोग महज कैरियर हैं। इस रैकेट से जुड़े लोगों की तलाश में पुलिस लगी है। ड्रग्स की तस्करी के लिए बिहार और नेपाल बार्डर के रास्तों का इस्तेमाल किया जा रहा है।

विकास चंद त्रिपाठी, सीओ एसटीएफ यूनिट गोरखपुर