-सूचना जुटाने के लिए एसटीएफ ने मुखबिरों को लगाया, तलाश में राडार में आए कई और शातिर

-बनारसी के पुलिस कस्टडी से भागने से एसटीएफ भी है हैरान, अफसर ने नाम न बताने की शर्त पर किया खुलासा

KANPUR : शहर में मोस्ट वांटेड रईस बनारसी के छिपे होने की भनक से उनके दुश्मनों के होश उड़ गए हैं। वे इतना ज्यादा खौफजदा हो गए हैं कि वे कुछ दिनों के लिए शहर से बाहर जाने की तैयारी करने लगे हैं। इधर, पुलिस और एसटीएफ ने उसे पकड़ने के लिए मुखबिरों को अलर्ट कर दिया है। उसके घर की भी निगरानी की जा रही है। साथ ही कई शातिर के मोबाइल को सर्विलांस में लगाकर उनका सीडीआर खंगाला जा रहा है। जिससे एसटीएफ को कोई ठोस सुराग मिलने की उम्मीद है। हालांकि इस बाबत एसटीएफ के अफसरों से बात करने की कोशिश की गई, लेकिन उन्होंने कुछ भी बताने से इन्कार कर दिया।

आई नेक्स्ट ने िकया खुलासा

दलेलपुरवा में रहने वाला मोस्ट वांटेड रईस बनारसी भले ही बनारस में शिफ्ट हो गया था, लेकिन उसका यहां पर भी तगड़ा नेटवर्क है। इसका प्रत्यक्ष प्रमाण कुख्यात मोनू पहाड़ी है। मोनू के आतंक से कानपुराइट्स वाकिफ हैं। वो शहर का सबसे बड़ा क्रिमिनल है। वो भले ही जेल में है, लेकिन उसके गुर्गे जेल के बाहर हैं। रईस पुलिस कस्टडी की फरारी के बाद मोनू की गुर्गों की मदद से ही यहां पर सेफ ठिकाने में रुक गया था, उसके यहां छिपने की चर्चा तो कई दिनों से चल रही थी, लेकिन शनिवार को आई नेक्स्ट ने न्यूज को प्रकाशित किया तो उसके दुश्मनों के होश उड़ गए। साथ ही एसटीएफ भी एक्टिव हो गई है।

मुर्गी वाला और कालिया को सबसे ज्यादा खतरा

बनारसी का भाई भी अपराधी था। उसका शानू ओलंगा ने कत्ल किया था, जिसमें नौशाद कालिया का नाम आया था। ओलंगा सबसे करीबी दोस्त फुरकान मुर्गी वाला है। करीब पांच साल पहले बनारसी ने तत्कालीन डीआईजी ऑफिस के पास मामा बिन्द के साथ शानू ओलंगा की गोली मारकर हत्या कर दी थी। इसके बाद उसके टारगेट में नौशाद कालिया था, लेकिन उसे कत्ल में नाम आने से जेल जाना पड़ा। इसके बाद से वो जेल में था। सोर्सेज के मुताबिक ओलंगा मर्डर केस में मुर्गी वाला ही बैकडोर से पैरवी कर रहा है। जिससे बनारसी को इस केस में कोई मदद मिलने की उम्मीद है। इसलिए जरायम की दुनिया से जुड़े लोगों का मानना है कि बनारसी ओलंगा केस को कमजोर करने के लिए मुर्गी वाले को ठिकाने लगा सकता है या फिर वो कालिया को निपटाने के लिए आया था। फिलहाल कुरैशी कत्ल में कालिया के जेल जाने से वो तो सेफ हो गया, लेकिन मुर्गी वाला अब भी बाहर है। इसलिए उस पर सबसे ज्यादा खतरा मंडरा रहा है।

अलग बॉक्स के रूप में लगाएं

बनारसी की फरारी से हैरान है एसटीएफ

बनारसी पुलिस कस्टडी से क्यों भागा है। यह अभी तक यक्ष प्रश्न बना हुआ है। एसटीएफ को भी उसके भागने पर हैरानी है। एसटीएफ के एक अफसर ने ऑफ द रिकॉर्ड बताया कि बनारसी तेजी से अपने केस को खत्म कराने में जुटा था। उसके पैरोकार पॉजिटिव पैरवी कर रहे थे। उसके गवाह टूट रहे थे। कई केस में तो फैसला होने वाला था। ऐसे में वो क्यों भागा, यह समझ में नहीं आ रहा है। इस अफसर के मुताबिक बनारसी को या तो पैसे की जरूरत है या फिर उसको जान का खतरा महसूस हो रहा था, जिसके चलते ही वो भागा है। ये भी हो सकता है कि बनारसी ने किसी की सुपारी ली हो।