- सोमवार की देर रात पहुंचे एसटीएफ के आईजी मिले पीडि़त परिवार से

- मर्डर, सुसाइड के लिए सबूत जुटा रही एसटीएफ, फोरेंसिक टीम ने किया डेमो

GORAKHPUR: फोरलेन पर कार में जिंदा जले नितिन की मौत के पीछे का सच जानने के लिए यूपी एसटीएफ की टीम मंगलवार को भी जुटी रही। सोमवार की देर रात गोरखपुर पहुंचे एसटीएफ के आईजी ने केस से जुड़े हर व्यक्ति से बात कर हकीकत तक पहुंचने की कोशिश की। मंगलवार की सुबह लखनऊ से आई फोरेंसिक टीम की मौजूदगी में एसटीएफ, नितिन के घर से बिल्कुल वैसे निकली, जैसे घटना के दिन नितिन निकले थे। फोरेंसिक टीम की मौजूदगी में पुलिस ने पूरी घटना का डेमो किया। जली हुई कार का निरीक्षण किया। आईजी रामकुमार ने बताया कि जटिल केस की गुत्थी जल्द ही सुलझा ली जाएगी। उधर, सीएम तक मामला पहुंचने से डीजीपी भी इस प्रकरण की मॉनीटरिंग कर रहे हैं।

रविवार को हुई घटना

राजघाट, शेषपुर निवासी गोविंद अग्रवाल के इकलौते बेटे नितिन अग्रवाल रविवार की सुबह करीब सवा 10 बजे घर से निकले। दोस्त सुनील के घर से कार लेकर चाचा के पास जाने की बात कही। करीब 12 बजे फोरलेन पर तेनुआ टोल प्लाजा से तीन सौ मीटर दूर एक कार के जलने की सूचना दमकल कर्मचारियों को मिली। आग बुझने पर कार में जली हुई लाश देखकर अग्निशमन कर्मचारी और राहगीर सकते में आ गए। बाद में उस व्यक्ति की पहचान नितिन अग्रवाल के रूप में हुई। नितिन के पिता ने अज्ञात लोगों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कराया। एसएसपी, एसपी ग्रामीण सहित अन्य पुलिस अधिकारियों के रवैये से नाराज परिजनों ने मामले की शिकायत सीएम योगी आदित्यनाथ से कर दी। सोमवार की शाम परिजनों से बात होने पर सीएम ने मामले की जांच एसटीएफ को सौंप दी।

रात में ही शुरू हो गई छानबीन

सोमवार की रात एसटीएफ के आईजी रामकुमार गोरखपुर पहुंचे। आने के साथ ही उन्होंने मामले की जांच शुरू कर दी। उनके गोरखपुर पहुंचने के पहले ही एएसपी विकास चंद्र त्रिपाठी की टीम तथ्यों की पड़ताल में लग गई थी। रात में ही आईजी ने गोरखपुर पुलिस के अधिकारियों से मामले की पूरी जानकारी ली। जांच में सामने आए तथ्यों से रूबरू होकर हकीकत जानने की कोशिश की। मंगलवार की सुबह करीब पौने 10 बजे आईजी अन्य लोगों संग नितिन के घर पहुंचे। वहां तकरीबन घंटेभर रहकर उन्होंने परिवार के सदस्यों से बात की। परिवार से जुड़े करीबियों को भी जानकारी लेने के लिए बुलाया गया। इस दौरान पोस्टमार्टम के पैनल में शामिल रहे डॉक्टर्स से भी अधिकारियों की बातचीत हुई।

टीम ने किया डेमो

घटना की तह तक पहुंचने के लिए पुलिस नितिन की तरह उनके घर से निकली। जिधर से होकर नितिन घटनास्थल तक गए थे, पुलिस भी उन्हीं रास्तों से होकर वहां तक पहुंची। वहां कार में आग लगने की घटना का डेमो कर हर पहलू की पड़ताल की। लखनऊ से आई फोरेंसिक टीम ने आग लगने, आग में फंसने, राहगीरों के जुटने और फायर ब्रिगेड के पहुंचने का सीन क्रिएट किया। कार से किसी के उतरकर भागने की आशंका की भी जांच की गई। घटनास्थल से दो सौ मीटर आगे-पीछे छानबीन की गई। तेनुआ टोल प्लाजा पर सीसीटीवी फुटेज भी टीम ने देखी। आईजी पिपरौली पुलिस चौकी पर पहुंचे। वहां जली हुई कार से टेक्निकल एक्सपर्ट की रिपोर्ट का मिलान किया। तब सामने आया कि घटना खड़ी कार में ही हुई थी। बाहर की ओर से कार में आग लगाने के कोई सबूत नहीं मिले। पिपरौली से टीम सहजनवां थाना पर पहुंची। वहां पुलिस अधिकारियों के बीच घंटों बातचीत होती रही। सहजनवां से लौटने के बाद आईजी ने परिवार से जुड़े अन्य लोगों से फिर से बातचीत की।

वर्जन

फोरेंसिक जांच की रिपोर्ट, अलग-अलग लोगों के बयान, पोस्टमार्टम रिपोर्ट और मोबाइल सर्विलांस से मिले इनपुट के आधार पर जांच जारी है। इस केस में जनपद पुलिस के साथ मिलकर एसटीएफ काफी हद तक काम कर चुकी है। पोस्टमार्टम में जलने से मौत होने की पुष्टि हो चुकी है। जल्द ही मामले का खुलासा कर दिया जाएगा।

राम कुमार, आईजी, एसटीएफ