-फूड सेफ्टी डिपार्टमेंट के पास आज तक एक भी मीट कारोबारी ने लाइसेंस के लिए नहीं दिया आवेदन

-सिर्फ नाम की है फूड सेफ्टी डिपार्टमेंट की सात सदस्यीय टीम

GORAKHPUR: प्रदेश में सत्ता बदलते ही योगी सरकार ने अवैध बूचड़खाने और मीट-चिकेन कारोबारियों पर नकेल कसने की कवायद शुरू कर दी थी। पहले से तय नियमों का कड़ाई से पालन करने का आदेश दिया था। लेकिन गोरखपुर में इस आदेश की धड़ल्ले से धज्जियां उड़ाई जा रही है। खुलेआम बिना लाइसेंस के सड़क किनारे मीट और चिकेन का कारोबार किया जाता है, लेकिन अधिकारी कुछ नहीं करते। जबकि, नियम है कि सभी कारोबारियों को फूड सेफ्टी डिपार्टमेंट से लाइसेंस लेना अनिवार्य है।

करोड़ों का है मीट व चिकेन का कारोबार

सिटी में करीब 2,700 मीट के कारोबारी हैं और चार हजार से ऊपर चिकेन के कारोबारी हैं। जिले में प्रति महीने करीब 24 करोड़ का मीट और चिकेन का कारोबार है। फिर भी न मीट कारोबारियों ने खाद्य सुरक्षा व मानक अधिनियम 2006 (लाइसेंस एवं रजिस्ट्रेशन)(विनियम 2011 के अंतर्गत लाइसेंस व रजिस्ट्रेशन के लिए निर्धारित) के तहत लाइसेंस लिया है और न ही चिकेन कारोबारियों ने।

इस वेबसाइट पर करना है आवेदन

फूड सेफ्टी डिपार्टमेंट से मिली जानकारी के मुताबिक, मीट-चिकेन के कारोबारी सीधे www.fssai.gov.in वेबसाइट पर अप्लाई कर सकते हैं। कारोबारियों को इस वेबसाइट पर जाकर अप्लाई करने के लिए फूड सेफ्टी डिपार्टमेंट को जागरूक करना है। लेकिन इन्होंने आज तक ऐसा कुछ नहीं किया।

क्या है खाद्य सुरक्षा व मानक अधिनियम

1- मीट-चिकन शाप में केवल अधिकृत-वैध स्लाटर हाउस से लाए गए परीक्षित (स्टैंपड) मीट की ही बिक्री।

2- मीट-चिकेन शॉप के भीतर पशु-पक्षी का वध पूर्णतया प्रतिबंधित है।

3- मीट-चिकेन शॉप के भीतर डीप फ्रीजर की व्यवस्था अनिवार्य है।

4- भैंसे व सुअर के मीट की दुकानों के लिए शांति एवं व्यवस्था की दृष्टि से पुलिस प्रशासन या स्थानीय निकाय से संबंधी अनापत्ति प्रमाण पत्र प्राप्त करना अनिवार्य है।

5- मीट-चिकेन शॉप में उच्च स्वस्छता व स्वास्थ्यता संबंधी मानकों के अनुपालन की व्यवस्था होनी चाहिए।

6- मीट-चिकेन शॉप धार्मिक स्थल की बाउंड्री से 50 मीटर की दूरी पर तथा प्रवेश द्वार से 100 मीटर की दूरी पर होनी चाहिए।

7- मीट शाप का लाइसेंस मीट कारोबार से जुड़े सभी तकनीकी और प्रशासनिक निर्देशों का अनुपालन करने पर ही दिया जा सकेगा।

8- मीट-चिकेन शॉप के भीतर जीवित पशु-पक्षी आदि नहीं रखे जा सकते हैं।

9- मीट-चिकेन शॉप के भीतर पशु-पक्षी के अवशेषी टांग-हड्डी, खाल, खुर, खोपड़ी, अतड़ी नहीं रखे जा सकते हैं।

वर्जन

जिले में स्लॉटर हाउस न होने के कारण मीट-चिकन कारोबारियों का लाइसेंस नहीं बना है। स्लॉटर हाउस होने के बाद ही मीट-चिकन का लाइसेंस बन सकेगा।

अजीत राय, अभिहीत अधिकारी, खाद्य सुरक्षा विभाग, गोरखपुर