कुछ ही दिनों में मुंबई के लिए रवाना होगी टीम
गोरखपुर से चलने वाली कुशीनगर एक्सप्रेस और गोरखपुर-एलटीटी एक्सप्रेस ट्रेन इन दिनों जबर्दस्त सुर्खियों में रही। सुर्खियों में इसलिए क्योंकि इसमें सफर करने वाले पैसेंजर्स को तत्काल टिकट मुंबई का सुभाष एजेंट सप्लाई कर रहा है। लेकिन उसके इस चैनल को आरपीएफ और सीआईबी टीम तोड़ने में पूरी तरह से जुट गई है। अगले कुछ ही दिनों में एक ज्वाइंट टीम एनई रेलवे के आला अफसर के निर्देश पर मुंबई के लिए रवाना होंगी।

36 पेज में मिले बैंक एकाउंट के डिटेल्स
आरपीएफ द्वारा मिली जानकारी के मुताबिक फरार दलाल मुन्ना, सलीम और बाबूरवि ये तीनों एजेंट सुभाष के जिस एकाउंट में रुपए डिपाजिट करते थे उसकी खोजबीन कर ली गई है। उसमें जो सबूत मिले हैं वह काफी चौंकाने वाले हैं। खोजबीन में यह मालूम हुआ कि यह खेल पिछले कई सालों से चल रहा था। बैंक एकाउंट से ली गई डिटेल्स में कुल 36 पन्नों का अकाउंट स्टेटमेंट मिला है। इन सबूतों के आधार पर टीम उस तक पहुंचने के लिए कई जगहों पर छापेमारी भी कर चुकी है।

700 सौ रुपए में तत्काल टिकट आते थे
लखनऊ एयरपोर्ट से बस्ती आरपीएफ सोर्सेज से मिली जानकारी के मुताबिक, सलीम और अब्दुल कादिर रोडवेज बस से लखनऊ एयरपोर्ट जाते थे। उन्हें हर हाल में शाम आठ बजे तक लखनऊ एयरपोर्ट पहुंचना होता था। दोनों को एयरपोर्ट पहुंचते ही कारगो कोरियर कंपनी के एजेंट को अपना आईडी कार्ड दिखाना होता था। नाम व पता कन्फर्म होने के बाद कोरियर कंपनी का एजेंट उन्हें तत्काल टिकट से भरे लिफाफा पकड़ा देता था, बदले में उसे कुछ रूपए भी दिए जाते थे। उसके बाद ये दोनों बस से ही देर रात करीब 3-4 बजे तक बस्ती पहुंच जाते थे। आने जाने के लिए इन दोनों को 500 रुपए बतौर किराया और 200 रुपए सर्विस चार्ज दिए जाते थे।

फिरोज रखता था टिकटों का हिसाब
जैसे ही ये दोनों तत्काल टिकट का लिफाफा बस्ती पहुंचा देते थे। उसके बाद बस्ती स्टेशन से सटे पीपल के पेड़ के पास रहने वाले बाबूरवि और मुन्ना को तत्काल टिकट दे देते थे। ये दोनों तत्काल टिकटों को पैसेंजर्स तक पहुंचा देते थे। कुल मिलाकर बाबूरवि और मुन्ना तत्काल टिकटों के डिलीवरीमैन थे। वहीं फिरोज नाम का दलाल बाबूरवि और मुन्ना से टिकटों का हिसाब लेता था और फिर उन्हें पेमेंट करता था। फिरोज ही सभी टिकटों का डाटा अपने पास रखता था।

हमारी टीम लगातार छापेमारी कर रही है। रहा सवाल सरगना को पकड़ने का तो उसके लिए भी हम पूरी तरह से प्रयास कर रहे हैं। जल्द ही वह हमारे हाथ लग जाएगा।
सारिका मोहन, सीनियर कमांडेंट, लखनऊ डिवीजन एनई रेलवे

 

report by : amarendra.pandey@inext.co.in