- सीएम ने की समीक्षा बैठक, कहा हड़ताल से मौत हुई तो एफआईआर

- आइएएस संभालेंगे रिम्स, डॉक्टर सिर्फ इलाज करेंगे

- रिम्स परिसर में पुलिस पिकेट बनेगा

RANCHI (12 June) : राज्य के सबसे बड़े सरकारी हॉस्पिटल रिम्स में अब दलालों पर शिकंजा कसेगा। मुख्यमंत्री ने रिम्स निदेशक को चेताया कि अस्पताल परिसर में दलालों पर तत्काल रोक लगाने के लिए सख्त कार्रवाई करें। मुख्यमंत्री ने रिम्स में दलालों को घूमने पर भी नाराजगी जताई। कहा, रिम्स में दलाल घूमते रहते हैं और डॉक्टरों की उनसे मिलीभगत रहती है। अब ऐसा नहीं चलेगा। बाहर डायग्नोस्टिक सेंटर तथा पैथोलैब नहीं चलने से इनकी दलाली बंद होगी। यही नहीं सीएम ने रिम्स परिसर में चल रहे डायग्नोस्टिक सेंटर तथा पैथोलैब को तत्काल हटाने का निर्देश दिया है। मुख्यमंत्री ने यह बातें मंगलवार को रिम्स पदाधिकारियों और स्वास्थ्य मंत्री के साथ हुई बैठक के दौरान कही। गौरतलब है कि 'दैनिक जागरण-आईनेक्स्ट' ने भी पिछले दिनों लगातार रिम्स परिसर में दलालों की सक्रियता और मरीजों को हो रही परेशानी पर खबरें छापी थी, जिसके बाद रिम्स प्रबंधन ने उन पर लगाम लगाने की बात भी कही थी। पर आदेश निकलने के बाद भी कुछ हुआ नहीं और दलालों का काम जारी रहा।

दरअसल, पिछले कुछ महीनों से रिम्स की बदहाल स्थिति से परेशान मुख्यमंत्री ने मंगलवार को समीक्षा बैठक बुलाई थी। बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने पिछले दिनों रिम्स में हुई हड़ताल और मरीजों की मौत पर सख्ती जताते हुए कहा कि दोबारा ऐसा नहीं होना चाहिए। साथ ही उन्होंने रिम्स की व्यवस्था सुधारने और संस्थान की बेहतरी के लिए कई आवश्यक दिशा-निर्देश भी दिए। उन्होंने अधिकारियों को चेतावनी भी दी कि यदि अनुशासन और सिस्टम में काम नहीं कर सकते तो रिम्स से बाहर चले जाएं। उन्होंने रिम्स के चिकित्सकों के क्लिनिक चलाने पर भी रोक लगाने का आदेश दिया है। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को कहा कि रिम्स सेवा करने की जगह है। डॉक्टर और नर्स इसी भाव से काम करें। जनता यहां काफी उम्मीद लेकर इलाज कराने आती है। उन्हें कोई परेशानी नहीं होनी चाहिए। हर किसी को अपना काम करना होगा। नौकरी समझेंगे तो काम नहीं चलेगा।

मरीजों की मौत पर जतायी नाराजगी

सीएम ने पिछले दिनों रिम्स में हुई हड़ताल और इस दौरान डॉक्टरों व नर्सो की अनुशासनहीनता को गंभीरता से लिया है। हड़ताल के दौरान हुई मरीजों की मौत को लेकर भी वे काफी नाराज हैं। उन्होंने साफ-साफ कहा कि रिम्स में किसी तरह की अनुशासनहीनता अब बर्दाश्त नहीं की जाएगी। विभाग और रिम्स के पदाधिकारियों को सख्त निर्देश दिया कि अब रिम्स में हड़ताल होती है और इसमें यदि किसी मरीज की मौत होती है तो हड़ताली डॉक्टरों और नर्सो के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज की जाए।

सिस्टम से काम करें नहीं तो बाहर का रास्ता देखें

मुख्यमंत्री ने पदाधिकारियों को हिदायत दी कि वहां सभी काम सिस्टम से हो। सिस्टम बनाएं और उसका सख्ती से पालन कराएं। सिस्टम के विरुद्ध जो जाता है उसे बाहर का रास्ता दिखाएं।

आईएएस अधिकारी देंगे व्यवस्था

सीएम ने कहा कि चिकित्सक अब सिर्फ चिकित्सा और चिकित्सा शिक्षा का काम करेंगे। प्रबंधन का कामकाज देखने के लिए वहां आइएएस पदाधिकारी की नियुक्ति की जाएगी। वहां अब हर किसी की जवाबदेही तय होगी। जवाबदेही का निर्वहन नहीं करने पर संबंधित पदाधिकारियों-कर्मियों के विरुद्ध कार्रवाई होगी। उन्होंने रिम्स में तत्काल एक पुलिस पिकेट स्थापित करने का निर्देश दिया। इस पुलिस पिकेट का काम सुरक्षा के साथ-साथ किसी घटना से ग्रसित लोगों से पूछताछ कर संबंधित थाने को रिपोर्ट भेजना होगा। मुख्यमंत्री ने रिम्स में सुरक्षा व्यवस्था दुरुस्त करने के लिए 200 रिटायर सुरक्षा कर्मियों को तैनात करने का भी निदेर्1श दिया।

मरीज के साथ सिर्फ एक अटेंडेंट

सीएम ने कहा कि रिम्स में मरीजों के पास अनावश्यक भीड़ लगी रहती है। इसपर तुरंत रोक लगनी चाहिए। प्राइवेट अस्पतालों की तरह वहां महज एक अटेंडेंट रहेगा। उन्होंने मरीजों के पास भीड़ लगे होने पर दोषी लोगों के विरुद्ध कार्रवाई का भी निर्देश दिया।

बैठक में ये भी रहे उपस्थित

मुख्य सचिव सुधीर त्रिपाठी, विकास आयुक्त डीके तिवारी, स्वास्थ्य विभाग की प्रधान सचिव निधि खरे, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव सुनील वर्णवाल, भवन निर्माण विभाग के सचिव सुनील कुमार, स्वास्थ्य विभाग के संयुक्त सचिव सुधीर रंजन तथा रिम्स के प्रभारी निदेशक डॉ आरके श्रीवास्तव।