68500 शिक्षक भर्ती में गड़बड़ी के मामले में शासन की ओर से हुई थी निलंबन की कार्रवाई

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PRAYAGRAJ: परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय सोमवार का दिन उस समय बेहद नाटकीय हो गया. जब पूर्व सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी डॉ. सुत्ता सिंह कार्यालय पहुंच गई. यही नहीं वह अचानक वहां का कार्यभार ग्रहण करने लगी. हालांकि उनके पास शासन का ऐसा कोई आदेश नहीं था और मौजूदा सचिव अनिल भूषण चतुर्वेदी भी लखनऊ बैठक में शामिल होने गए थे. पूर्व सचिव ने एकतरफा प्रभार प्रमाणपत्र बनाया और खुद ही हस्ताक्षर कर जारी कर दिया. इसके बाद पूर्व सचिव कार्यालय से चली गई. कार्यालय के लोगों ने मामले की जानकारी वर्तमान सचिव अनिल भूषण को दी. उन्होंने शासन को रिपोर्ट भेज दी.

कापी बदलने की मिली थी गड़गड़ी

बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक स्कूलों की 68500 सहायक अध्यापक भर्ती की लिखित परीक्षा का परिणाम पिछले साल 13 अगस्त को जारी हुआ था. रिजल्ट जारी होने के बाद से ही अभ्यर्थियों ने कई तरह की गड़बड़ी का आरोप लगाना शुरू कर दिया. मामला हाईकोर्ट पहुंचा तो जांच के दौरान कापी बदलने की बात सामने आयी. मामले को तूल पकड़ता देख शासन की ओर से तत्कालीन परीक्षा नियामक प्राधिकारी सचिव डॉ. सुत्ता सिंह को आठ सितंबर 2018 को निलंबित कर दिया गया था. इसके अलावा भी कई अफसरों पर कार्रवाई की गई. शासन ने परीक्षा नियामक प्राधिकारी सचिव के पद पर अनिल भूषण चतुर्वेदी की नियुक्ति की. हाईकोर्ट ने 14 मार्च 2019 को अंतरिम आदेश देते हुए पूर्व सचिव डा. सुत्ता सिंह के निलंबन पर स्थगनादेश जारी किया. इसके बाद पूर्व सचिव डॉ. सुत्ता सिंह सोमवार को सुबह करीब 11 बजे परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय पहुंच गई.